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    50 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे हिमाचल पर बोझ बनी मंत्रियों की गाडि़यां, किफायत की बजाय शाही ठाठ, पढ़ें पूरी खबर

    By Rajesh SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 14 Oct 2019 10:51 AM (IST)

    Minister Alot Two Plus Vehicle in Himachal पचास हजार करोड़ के कर्ज तले डूबे हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों की गाडिय़ां खजाने पर वित्तीय बोझ डाल रही हैं।

    50 हजार करोड़ के कर्ज में डूबे हिमाचल पर बोझ बनी मंत्रियों की गाडि़यां, किफायत की बजाय शाही ठाठ, पढ़ें पूरी खबर

    शिमला, रमेश सिंगटा। पचास हजार करोड़ के कर्ज तले डूबे हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों की गाडिय़ां खजाने पर वित्तीय बोझ डाल रही हैं। किफायत बरतने की बजाय कई मंत्री वाहन इस्तेमाल करने के मामले में शाही ठाठ अपना रहे हैं। प्रदेश सरकार के एक मंत्री जी कई गाडिय़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एक मंत्री तो ऐसे हैं जिन्हें सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने ही दो- दो वाहन आवंटित किए हैं, जबकि कायदे से उन्हें एक ही वाहन आवंटित हो सकता है।

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    इनके अलावा एक और बड़े ओहदेदार हैं, जिन्हें दो वाहन दिए गए हैं। राजनेताओं को खुश करने में अफसरशाही भी पीछे नहीं है। मंत्रियों ने विभागों से भी वाहन अटैच करवाएं हैं, जबकि एक मंत्री विभागों की एक ही गाड़ी इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां जितने विभाग उतनी गाडिय़ां अटैच कर रखी हैं।

    परिवहन मंत्री की फ्लाइंग स्कवाड में अटैच एमडी की गाड़ी

    हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंधन निदेशक (एमडी) के नाम से रजिस्टर्ड सरकारी गाड़ी परिवहन एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर की पत्नी चंडीगढ़ तक ले गई। सूत्रों के अनुसार यह गाड़ी फ्लाइंग स्कवाड के लिए लगाई गई है। फ्लाइंग स्कवाड इसे कम इस्तेमाल करता है, अधिकांश समय मंत्री की पत्नी ही इसमें सैर करती थी। स्टाफ कई बार पैदल चलता था, लेकिन वे चाह कर बोल नहीं पाते हैं। अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले की जांच करने की बात कही है। इससे गोविंद ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर सरकार की किरकिरी हुई। इसी गाड़ी से चंडीगढ़ में गोविंद की पत्नी के ढाई लाख नकद व जेवर चोरी हो गए। इस चोरी के बहाने वाहन का गैर सरकारी कार्यों के लिए दुरुपयोग होने की बात सामने आई।

    साहब के लिए फॉच्र्यूनर खरीदना चाहता था वन विभाग

    गोविंद के लिए वन विभाग नई फॉच्र्यूनर कार खरीदता चाहता था। इसके लिए प्रदेश सरकार से मंजूरी मांगी गई, लेकिन वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव की स्वीकृति नहीं दी। इसके बाद इनके साथ विभाग से दो अन्य वाहन अटैच कर दिए।

    मंत्री जी भूल गए वादा

    मंत्री ने कहा था कि जब तक एचआरटीसी की अतिरिक्त आय 100 करोड़ तक नहीं पहुंच जाती, तब तक निगम से नई गाड़ी नहीं लेंगे। लेकिन, वह इस वादे को भूल गए। पौने दो सालों से निगम की एक गाड़ी उनके ही साथ अटैच है।

    पूर्व मंत्री की गाड़ी का सुराग नहीं

    पूर्व कांग्रेस सरकार के समय मंत्री जीएस बाली की सरकारी शिमला के गाड़ी ढली से चोरी हो गई थी। जांच में पता चला था कि वह उत्तर-पूर्व के आतंकियों के हाथों तक पहुंच गई थी। आज तक यह गाड़ी रिकवर नहीं हो पाई है। बाली आजकल इग्लैंड में हैं। उनके निजी सचिव ने बताया कि गाड़ी चोरी जरूर हुई थी, पर ट्रेस हुई या नहीं, इसका पता नहीं है।

    'विपक्ष इस मामले को अनावश्यक तूल दे रहा है। मेरे परिवार का मसला है। इस बारे में मैं क्या बोलूं? इतना कह सकता हूं कि मैं सरकारी वाहनों का दुरुपयोग नहीं करता हूं। मेरे लिए राजनीति जनसेवा का माध्यम है। सुख सुविधाएं जुटाने में भरोसा नहीं करता। मैं खुद भी वहीं गया था, जहां पर पूरा विवाद खड़ा किया जा रहा है।

    -गोविंद ठाकुर, परिवहन मंत्री।

    ढाई लाख कैश लेकर चंडीगढ़ क्यों गईं थी मंत्री की पत्नी : मुकेश

    राज्य ब्यूरो, शिमला : न ता प्रतिपक्ष नेता मुकेश अग्निहोत्री ने वाहनों के नाम पर मंत्रियों की फिजूलखर्ची पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि जब प्रधानमंत्री मोदी कैशलेस सिस्टम की बात करते हैं तो मंत्री अपने परिवार में इसका पालन क्यों नहीं करवा पा रहे। मंत्री की पत्नी सरकारी गाड़ी में ढाई लाख का कैश लेकर क्यों चंडीगढ़ गईं? जीएडी एक मंत्री को एक ही गाड़ी द आवंटित करता है। सरकार बताएं कि दो-दो गाडिय़ां किस नियम के तहत दे रखी हैं। सरकार यह भी तय करें कि एक मंत्री के पास विभाग से भी एक ही गाड़ी अटैच हो, वो भी स्टाफ के लिए। बाकी वाहनों का अनावश्यक दुरुपयोग रोका जाए। प्रदेश पर पहले ही आर्थिक बोझ अधिक है, सरकार इसे और न बढ़ाए।