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    Mandi By Election: आधे हिमाचल से अधिक क्षेत्रफल का प्रतिनिधित्व करता है मंडी का सांसद, देश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 04 Oct 2021 09:25 AM (IST)

    Mandi By Election हिमाचल की राजनीति का केंद्र माने जाने वाले मंडी संसदीय क्षेत्र की एक और खासियत है। यहां का सांसद हिमाचल के आधे हिस्से से अधिक क्षेत् ...और पढ़ें

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    मंडी संसदीय क्षेत्र का सांसद हिमाचल के आधे हिस्से से अधिक क्षेत्रफल का प्रतिनिधित्व करता है।

    मंडी, जागरण संवाददाता। Mandi By Election, हिमाचल की राजनीति का केंद्र माने जाने वाले मंडी संसदीय क्षेत्र की एक और खासियत है। यहां का सांसद हिमाचल के आधे हिस्से से अधिक क्षेत्रफल का प्रतिनिधित्व करता है। देश का दूसरा बड़ा संसदीय क्षेत्र मंडी किसी अजूबे से कम नहीं है। हिमाचल में लोकसभा की चार सीटें हैं। प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर है। मंडी संसदीय क्षेत्र करीब 34,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है यानी प्रदेश का 64 फीसद भूभाग इसी क्षेत्र का हिस्सा है।

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    शीत मरुस्थल यानी जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यहां साल में छह माह तक बर्फ जमी रहती है। प्रदेश के 12 में से छह जिले मंडी संसदीय क्षेत्र में आते हैं। इसकी सीमा चीन के कब्जे वाले तिब्बत और लेह लद्दाख से लगती है। प्रदेश के तीन बड़े जनजातीय क्षेत्र इसी में आते हैं। 80 प्रतिशत बिजली प्रोजेक्ट इसी क्षेत्र में बने हैं। एशिया की सबसे बड़ी पार्वती परियोजना, नाथपा-झाकड़ी, ब्यास सतलुज लिंक प्रोजेक्ट इसी क्षेत्र में हैं। पांच बड़ी नदियां ब्यास, सतलुज, चंद्रभागा, चिनाव व ऊहल इसी क्षेत्र में बहती हैं। सबसे अधिक राष्ट्रीय राजमार्ग अंबाला-कौरिक, चंडीगढ़-कीरतपुर-मनाली, पठानकोट-मंडी, जालंधर-धर्मपुर-मंडी इसी में आते हैं।

    प्रदेश की सबसे अधिक प्राकृतिक झीलें

    श्रीखंड महादेव, किन्नर कैलाश, मणिमहेश तीर्थ व मणिकर्ण साहिब इसी क्षेत्र का भाग हैं। देश में एकमात्र चट्टानी नमक की खदान जो गुम्मा नमक के नाम से जानी जाती है मंडी संसदीय क्षेत्र में आती है। प्रदेश की सबसे अधिक प्राकृतिक झीलें जिनमें मणिमहेश, पराशर, कमरुनाग, त्रिवेणी संगम रिवालसर, कुंतभियो, सरयोलसर, दशौहर, भृगु, चंद्रताल, मानतलाई, सूरजताल, दीपकताल, डैहणासर, ब्यास कुंड, नीलकंठ, नाको, ढंकर झील इसी संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं। खून जमा देने वाली ठंडे पानी की बहती नदियों के किनारे उबलते गर्म पानी के चश्मे सतलुज नदी किनारे तत्तापानी व पार्वती नदी किनारे मणिकर्ण भी इसी में आते हैं। देश के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी भी इसी क्षेत्र के किन्नौर से हैं।

    अधिकांश बार राजा रहे सांसद

    एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसमें अधिकांश बार राजाओं का शासन रहा है। यहां से राजघरानों से जुड़े महारानी अमृत कौर, जोगेंद्र सेन, ललित सेन, वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, महेश्वर सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। बिजली, पानी और सड़क से जुड़ा एशिया का सबसे ऊंचा गांव कौमिक इसी क्षेत्र के स्पीति उपमंडल में है। दूरसंचार, सड़क, बिजली, पानी की सुविधा से लैस एशिया का सबसे ऊंचा गाव किब्बर इसी क्षेत्र में आता है।

    एशिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र

    एशिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग भी इसी क्षेत्र के स्पीति घाटी में हैं। अटल टनल रोहतांग इस क्षेत्र की शोभा बढ़ा रहा हैं। यहां की पहली सांसद रानी अमृतकौर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य राज्यमंत्री थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह व पंडित सुखराम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव व मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल का हिस्सा रह चुके हैं।