Mahatma Gandhi Death Anniversary: डगशाई जेल में कैदियों के साथ रहे थे महात्मा गांधी, 10 बार आए थे हिमाचल
Mahatma Gandhi Death Anniversary महात्मा गांधी डगशाई छावनी की ऐतिहासिक जेल में बंद आयरिश सैनिकों से मिलने के लिए भी आए थे।
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। स्वाधीनता के समय लोगों में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अलख जगाने के लिए महात्मा गांधी ने कई जगह जाकर उनको प्रेरित किया था। इसी कड़ी में वह कई बार हिमाचल भी आए थे। महात्मा गांधी करीब दस बार हिमाचल आए थे। वह न केवल आजादी की अलख जगाने के लिए आए बल्कि सोलन जिले की डगशाई छावनी की ऐतिहासिक जेल में बंद आयरिश सैनिकों से मिलने के लिए भी आए थे। उन्होंने जेल की कोठरी में एक रात उन सैनिकों के साथ भी बिताई थी।
ऐतिहासिक डगशाई जेल के अंदर वीआइपी सेल, जहां महात्मा गांधी ने एक रात गुजारी थी।
शिमला आने के लिए वह या तो सड़क मार्ग या फिर रेलमार्ग का इस्तेमाल करते थे। हिमाचल में कई जगह आज भी महात्मा गांधी से जुड़ी यादें सहेज कर रखी गई हैं। शिमला के मैनोर विला से लेकर डगशाई जेल तक उनकी स्मृतियां आज लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती हैं। कालका-शिमला रेल से भी महात्मा गांधी ने 1921 में यात्रा की थी।
हिमाचल का कालापानी डगशाई जेल
कसौली निवार्चन क्षेत्र में स्थित डगशाई छावनी में ब्रिटिशकाल में 1849 में बनी सेंट्रल जेल डगशाई अपने जुल्मों के काफी मशहूर थी। इस जेल में भारतीयों व आयरिश सैनिकों पर हुए जुल्मों की कहानी सुनकर आज भी लोग सिहर उठते हैं। हिमाचल के कालापानी के नाम से मशहूर डगशाई जेल को अब एक संग्रहालय में बदला जा चुका है, लेकिन आज भी इसकी घनघोर कोठरियां रूह तक को कंपा देती हैं। इस जेल की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें महात्मा गांधी ने भी एक रात बिताई थी, हालांकि सजा के तौर पर नहीं बल्कि वह जेल में बंद कैदियों से मिलने यहां आए थे। टी-आकार की किलेनुमा डगशाई जेल आज भी ब्रिटिश शासकों के मनमाने आदेश थोपने के प्रमाणों को उजागर करती है। इतिहास के पन्नों को खंगालें तो पता चलता है कि 1920 में महात्मा गांधी यहां आए थे। उस समय जिस सेल में वह आए थे, उसके अंदर महात्मा गांधी की तस्वीर, कुर्सी, बेंच व चरखा रखा हुआ है।
ऐतिहासिक डगशाई जेल के अंदर वीआइपी सेल में जहां महात्मा गांधी ने रात गुजारी थी, आज उनकी याद में लगाया गया टेबल, कुर्सी व चरखा।
नाथूराम गोडसे को भी रखा गया था इसी जेल में
दिलचस्प यह भी है कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भी शिमला कोर्ट में ट्रायल के दौरान डगशाई जेल में ही रखा गया था और आज भी मुख्य दरवाजे के साथ बने उस सेल में गोडसे की फोटो लगी है। गोडसे इस जेल का अंतिम कैदी रहा, उसके बाद इस जेल में कैदियों को रखना बंद कर दिया गया।
शिमला में भी कई बार आए थे महात्मा गांधी
शिमला अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहा था। इस दौरान वायसराय शिमला में बैठते थे। देश के सबसे बडे नेता होने के नाते महात्मा गांधी अनेकों बार हिमाचल आए थे। इस दौरान उन्होंने शिमला के वायसराय से मुलाकात के अलावा ईदगाह मैदान में जनसभा को संबोधित भी किया था।
महात्मा गांधी की शिमला की 10 यात्राएं
- पहली यात्रा : 12 से 18 मई 1921
- दूसरी यात्रा : 13 से 17 मई 1931
- तीसरी यात्रा : 15 से 22 जुलाई 1931
- चौथी यात्रा : 25 से 27 अगस्त 1931
- पांचवीं यात्रा : 4 से 5 सितंबर 1939
- छठी यात्रा : 26 सितंबर 1939
- सातवीं यात्रा : 29 जून 1940
- आठवीं यात्रा : 27 से 30 सितंबर 1940
- नौवीं यात्रा : 24 जून से 16 जुलाई 1945
- दसवीं यात्रा : 2 से 14 मई 1946