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    हर मुसाफिर की चाहत: मनाली-लेह रोड ट्रिप, 7 खासियत जो बनाती हैं आपके सफर को यादगार, चुनौतियां भी नहीं कम

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 27 Aug 2022 01:59 PM (IST)

    Leh Manali Trip उत्तर भारत के शीर्ष में स्थित लेह लद्दाख जहां हर कोई मुसाफिर घूमना चाहता है। इस मार्ग के खूबसूरत नजारे आपके सफर को यादगार बना देंगे तो वहीं रोमांच के इस हाईवे पर चुनौतियां भी हैं।

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    428 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग को दुनिया का सबसे लोकप्रिय व पसंदीदा ट्रिप माना जाता है।

    मनाली, जसवंत ठाकुर। उत्तर भारत के शीर्ष में स्थित लेह लद्दाख जहां हर कोई मुसाफिर घूमना चाहता है। कई लोग बाइक के माध्यम से लेह लद्दाख घूमना पसंद करते हैं तो कई फोर व्हील ड्राइव वाहनों में सफर का आनंद लेते हैं। 428 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह मार्ग दुनिया का सबसे लोकप्रिय व पसंदीदा ट्रिप यूं ही नहीं बना हुआ है। इस मार्ग पर कहीं सेब के हरे भरे पेड़ तो कहीं आसमान छूते बर्फ से लदे पहाड़ राहगीरों का मन मोह लेते हैं। लेह लद्दाख जाने का सपना हर व्यक्ति का रहता है। यह दुनिया के मुश्किल रोड ट्रिप में से एक माना जाता है। यहां की घाटियों के बीच से सफर काफी मुश्किल साबित होता है। लेकिन रास्ते में दिखने वाली प्राकृतिक खूबसूरती जिंदगी भर के लिए एक नई याद बनकर उभरती है।

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    यूं तो यह मार्ग दिल्ली से लेकर लेह तक रोचक है। लेकिन कुल्लू से इस सफर में अधिक रोचकता बढ़ जाती है। कुल्लू पहुंचते ही सेब के हरे भरे पेड़ देखने को मिलते हैं। मनाली पहुंचते ही बर्फ से लदे रोहतांग जैसे सुंदर पहाड़ देखने को मिलते हैं। मनाली रुकने के बाद जब सुबह आगे बढ़ते हैं तो देश की आधुनिक अटल टनल रोहतांग आपका स्वागत करती है। अटल टनल के पास पहुंचते ही पलक झपकते ही दुनिया बदल जाती है। 10 मिनट के भीतर हरे भरे क्षेत्र से वनस्पति विहीन शीत मरुस्थल लाहुल पहुंचते हैं।

    लाहुल पहुंचते ही पर्यटकों की रोचकता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि छह हजार फीट की ऊंचाई से सीधे 11 हजार फीट पर जा पहुंचते हैं। छह महीने बर्फ से ढके रहने वाली लाहुल घाटी को पार कर पर्यटक साढ़े 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बारालाचा दर्रे पर जा पहुंचते हैं। 15580 फीट ऊंचे नकीला, 16500 फीट ऊंचा लाचुंगला दर्रे और साढ़े 17 हजार फीट तांगलांग ला दर्रे में खड़ी ऊंची बर्फ की दीवार मन मोह लेती है।

    प्‍वाइंटस में जानिए खासियत

    1. कुल्‍लू और मनाली में सेब के हरे भरे पेड़ बेहद सुंदर दिखते हैं।
    2. मनाली से बर्फ से लदी राेहतांग की पहाड़‍ियां अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
    3. आधुनिक अटल टनल रोहतांग से नौ किलोमीटर का रोमांचक सफर
    4. अटल टनल को पार करते ही हरियाली से शीत मरुस्‍थल लाहुल में एंट्री
    5. लाहुल पहुंचते ही ऊंचे पहाड़ों की ओर बढ़ने की उत्‍सुकता बढ़ जाती है।
    6. 15 हजार फीट ऊंचे बारालाचा दर्रा पर होते हैं बर्फ की दीवारों के दीदार
    7. चार आसमान छूते दर्रों से होकर पर्यटक लेह पहुंच जाते हैं।

    बाइक सवार जरूर करें इन नियमों का पालन

    लेह लद्दाख ट्रिप पर जाने से पहले दोपहिया वाहनों के लिए सुरक्षा के लिए हेलमेट, जैकेट और ग्लबज जरूरी हैं। अपनी सुरक्षा के लिए अपने घुटने और कोहनी पर प्रोटेक्शन की जरूरत रहती है। जिन्हें निगार्ड और एल्बो गार्ड  कहा जाता है। बाइक से नीचे गिरते समय यह गार्ड आपके घुटने और एल्बो की सुरक्षा करते हैं। बाइक राइडर के लिए लेह लद्दाख घूमने को विशेष प्रकार के जूते पहनने जरूरी हैं।

    यह व्‍यवस्‍था करना भी जरूरी

    यात्रा के दौरान इंजन आयल व पंक्‍चर का सामान रखना जरूरी है। यदि आप का टायर ट्यूबलेस नहीं है तो आपको एक एक्स्ट्रा टायर साथ में रखना होगा। हवा भरने के लिए पंप साथ में रखना भी जरूरी है। अपने मोबाइल चार्ज के लिए बाइक पर चार्जिंग सेटअप करवाना होगा।

    ये हैं चुनौतियां

    1. मनाली-लेह मार्ग कई जगह क्षतिग्रस्‍त है, यहां सफर बेहद जोखिम भरा रहता है।
    2. कई जगह मार्ग के बीच में नाले बहते हैं। दोपहर के समय धूप लगने पर जब बर्फ पिघलती है तो इनका जलस्‍तर और बढ़ जाता है।
    3. मार्ग में कई किलोमीटर तक ढाबे, पेट्रोल पंप या मेकैनिक की दुकान नहीं मिलेगी।
    4. 15 से 17 हजार फीट ऊंचे दर्रों से गुजरते वक्‍त सांस लेने में दिक्‍कत होती है, क्‍योंकि कोई पेड़ पौधा न होने के कारण यहां आक्‍सीजन की बेहद कमी रहती है।

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