Baglamukhi Temple: इन राजनेताओं ने भी मानी मां बगलामुखी की शक्ति,शत्रुसंहार की अर्जी लेकर मां के दरबार पहुंच रहे चुनावी राज्यों के नेता
बनखंडी में स्थित इस सिद्धपीठ में पिछले 20 दिनों में ही विभिन्न राजनीतिक दलों के 300 के करीब नेता चुनाव में विजयश्री के लिए माता के पवित्र हवन कुंड में आहुतियां डलवा चुके हैं। कई मौकों पर एक ही विधानसभा के दो-दो प्रत्याशी मंदिर परिसर में आमने-सामने हो गए।

जवालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। युद्ध और प्रेम में सब जायज है… जो बाधा आए उससे किसी भी तरह पार पाया जाए....यही सोच कर पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और उत्तरप्रदेश के नेता हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित बगलामुखी मंदिर पहुंच रहे हैं। माता बगलामुखी को शत्रु संहारक देवी माना जाता है। स्थिति यह है कि अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात देने के लिए नेतागण निरंतर आ रहे हैं।
कांगड़ा के बनखंडी में स्थित इस सिद्धपीठ में पिछले 20 दिनों में ही विभिन्न राजनीतिक दलों के 300 के करीब नेता चुनाव में विजयश्री के लिए माता के पवित्र हवन कुंड में आहुतियां डलवा चुके हैं। रोचक यह भी रहा कि कई मौकों पर एक ही विधानसभा के दो-दो प्रत्याशी मंदिर परिसर में आमने-सामने हो गए। हवन के लिए बड़े-बड़े नेता कतार में लगे हैं। भीड़ इतनी है कि पुजारियों को नेताओं को वेटिंग में रहने को कहने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
सुखबीर बादल, भगवंत मान और नवजोत सिद्धू की पत्नी वेटिंग में
वीरवार रात को पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नजदीकी पारिवारिक सदस्यों ने हवन व यज्ञ किया। आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा पंजाब में पहली बार पार्टी की जीत के लिए एक सप्ताह पहले हवन कर गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व फगवाड़ा विधानसभा से भाजपा के उम्मीदवार विजय सांपला ने भी बगलामुखी के दरबर आकर मनोकामना पूरी करने का वरदान मांगा। पुजारियों की मानें तो अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, आम आदमी पार्टी से मुख्यमंत्री चेहरा भगवंत मान समेत नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने भी यज्ञ के लिए समय मांगा है। उन्हें अभी प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड व गोवा के भी कई उम्मीदवार बगलामुखी में हवन करके चुनावी रण में डटे हुए हैं। हवन यज्ञ करने वालों में सर्वाधिक संख्या पंजाब के नेताओं की है। तांत्रिक अनुष्ठान के लिए प्रसिद्ध शक्तिपीठ में नेताओं ने अपने विरोधियों पर नजर रखने के लिए अपने गुप्तचर तक छोड़ रखे हैं ताकि पता चल सके कि उनके विरोधी क्या कर रहे हैं।
देश भर में हैं तीन बगलामुखी सिद्धपीठ
पूरे भारत में माता बगलामुखी के तीन ही पीठ हैं, जहां तांत्रिक अनुष्ठानों के साथ लोग अपनी विजय की कामना करते हैं। मध्यप्रदेश के नलखेड़ा व दत्तिया के साथ हिमाचल का बगलामुखी मंदिर अपनी अलग पहचान रखते हैं। राजनीतिक दलों के नेता चुनाव के लिए टिकट पाने से लेकर जीत सुनिश्चित होने तक दरबार में हाजिरी भरते रहते हैं।
दस महाविद्याओं में अष्टम विद्या हैं बगलामुखी
पुजारी पंडित दिनेश रत्न के अनुसार माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में अष्टम विद्या हैं। माता को ब्रह्मास्त्र विद्या भी कहा जाता है। ब्रह्मास्त्र विद्या अचूक वार है अतः माता इसी से अपने शिष्यों की रक्षा करतीं हैं।
इन बड़े चेहरों ने मानी माता की शक्ति
बगलामुखी माता पर अचूक श्रद्धा के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी कई सालों से माता के आराधक हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी ने 26 दिनों में दो बार परिवार सहित हवन किया है। 15 मार्च 2015 को पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी ने माता हवन किया था। 1977 में देश में कांग्रेस की करारी हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने हवन किया। नोट फ़ार वोट प्रकरण के बाद तत्कालीन समाजवादी नेता स्वर्गीय अमर सिंह ने सांसद जयाप्रदा के साथ हवन किया था। कांग्रेस नेता,जगदीश टाइटलर, राज बब्बर, सिने अभिनेता गोविंदा, प्रसिद्ध कामेडियन कपिल शर्मा, पंजाबी गायक गुरदास मान, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित सैकड़ों राजनीतिक हस्तियां बगलामुखी आती रही हैं।
20 दिनों में यह बड़े चेहरे करवा गए हवन
बगलामुखी मंदिर में नेताओं की भीड़ के बीच चन्नी के बेटे,पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नजदीकी व ओएसडी सहित, जालंधर से विधायक राजिंदर बेरी, जालंधर नार्थ से विधायक बाबा हेनरी, कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये गुरुहरसहाय से विधायक व कैप्टन सरकार में खेल मंत्री रहे राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी आदि प्रमुख हैं।
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