रिपोर्टों में अटक कर रह गया भूस्खलन रोकने का काम, कुठमां में मलबे के कारण एयरपोर्ट पर मंडरा रहा खतरा
कांगड़ा के कुठमां में भूस्खलन रोकने का काम रिपोर्टों में उलझा है। एनएचएआइ और एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच समन्वय की कमी है। लगातार मलबा गिरने से लोगों को परेशानी हो रही है और एयरपोर्ट को खतरा है। मुख्यमंत्री और उपायुक्त ने निरीक्षण किया है पर समस्या का समाधान नहीं हो रहा।

नीरज व्यास, धर्मशाला। कुठमां में पहाड़ी के बीच से निकल रहे मलबे काे रोकने का काम सर्वे रिपोर्ट व आंकलन रिपोर्ट में ही उलझ कर रह गया है। एनएचएआइ, गगल एयरपोर्ट अथारिटी इस मसले में आमने सामने हैं।
लोक निर्माण विभाग ने जिलाधीश के निर्देश के बाद अपनी सर्वे व आंकलन रिपोर्ट सौंप दी है। जबकि एनएचएआइ ने अभी अपनी सर्वे व आंकलन रिपोर्ट सौंपनी है। एनएएआइ की सर्वे रिपोर्ट अभी तक उपयाुक्त कार्यालय में नहीं पहुंची है। कुठमां में पहाड़ी से मलबा लगातार आ रहा है। मलबा गिरने का क्रम थमा नहीं है।
लगातार गिर रहे मलबे से लोगों व राहगीरों सहित वाहन चालकों को परेशानी से लगातार दो-चार होना पड़ रहा है। प्रशासन, एनएचएआइ व गगल एयरपोर्ट अथारिटी इस सब को जानने केे बावजूद अनजान बना हुआ है और लोगों को परेशानी में देखकर भी मौन है।
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण पठानकोट- मंडी राष्ट्री राजमार्ग 154 पर कुठमां गांव के समीप पहाड़ी से हो रहे भू स्खलन से इस कांगड़ा एयरपोर्ट की दीवार को भी खतरा बन गया है। अगर ज्यादा भूस्खलन हो जाए तो रनवे भी इसकी जद में आ सकता है। लेकिन प्रशासन मूक दर्शक की भूमिका में हैं।
यहां पर काम करवाने के बजाए, निरीक्षण, सर्वे व अन्य बातों को करके मामले को उलझाया जा रहा है। स्पष्ट रूप से कोई भी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। जिस कारण लोगों की उम्मीदों को सिर्फ और सिर्फ मलबा ही गिर रहा है जोकि वाहन चालकों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपायुक्त हेमराज बैरवा व एनएचएआइ के परियोजना निदेशक विकास सुरजेवाला व लोनिवि ने भी यहांं गगल हवाई अड्डे के पास से आ रहे मलबे वाले स्थल का निरीक्षण किया है।
शाहपुर के अधिशाषी अभियंता अंकज सूद ने कहा कि जिलाधीश कांगड़ा हेमराज बैरवा ने निर्देश दिया था कि हो रहे भूस्खलन व आ रहे मलबे को देखें। लोक निर्माण विभाग की टीम ने जाकर देखा है। यहां लोगों से भी फीडबैक लिया है, लोगों के मुताबिक इस जगह पर पहले कुआं व तालाब थे, जिन्हें बंद किया गया है।
अब जब बारिशें ज्यादा हुई हैं तो यह जलधाराएं फूट पड़ी है। दो तीन साल पहले भी इस जगह पर नुकसान हुआ था। इस वर्ष बारिशें ज्यादा होने के कारण समस्या आई है। फौरी राहत के लिए यहां पर चार ठेकेदार बुलाए थे, लेकिन उन्होंने इस दलदलनुमा जगह में काम करने से मना कर दिया।
लोनिवि ने अपने सुझाव व रिपोर्ट जिलाधीश कांगड़ा को दे दी है। जिसें कहा है कि बारिशें रुकने के बाद ही यहां पर कुछ हो सकता है। इन दिनों काम करने का मतलब सिर्फ नुकसान ही है। एयरपोर्ट अथारिटी को अपनी दीवार की प्रोटेक्शन के लिए कदम उठाना चाहिए।
शाहपुर के SDM करतार चंद ने कहा लोक निर्माण विभाग ने आंकलन करके अनुमान जिलाधीश कांगड़ा को भेजा है। बजट के आधार पर बारिशों के बाद ही काम हो पाएगा। एनएचएआइ ने भी संबंधित जगह का अनुमान बनाया है। प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है, शीघ्र कार्य करवाया जाएगा।
कांगड़ हवाई अड्डे के निदेशक धीरेंद्र शर्मा ने कहा एनएचएआइ की टीम ने यहां पर सर्वे किया है। अब इसके अनुमान आदि जिला प्रशासन को दिए जाएंगे। एनएचएआइ की टीम के अलावा मुख्यमंत्री व जिलाधीश कांगड़ा ने भी विजिट किया है। समस्या से प्रशासन अवगत है।
कांगड़ा उपायुक्त हेमराज बैरवा का कहना है कि भूस्खलन की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने के दिशानिर्देश दिए हैं। यह भी निर्देश दिए हैं कि यातायात अवरुद्ध न हो।
एक स्थानीय सुशील कुमार ने कहा अगर प्रशासन चाहे तो आज ही कार्य शुरू करवा सकता है। लेकिन कोई इस कार्य में रुचि नहीं रख रहा है इसी के चलते वाहनों को भी दिक्कत की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन सहित संबंधित विभागों को इस और ध्यान देना चाहिए।
राजेश कुमार का कहना है कि सड़क की व्यवस्था तो दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है मौसम तो अब ठीक हो गया है। लेकिन पहाड़ी का मलबा लगातार सड़क पर गिर रहा है जिससे सड़क को भी नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में राहगीरों सहित वाहन चालकों को भी नुकसान हो सकता है।
बॉबी धीमान ने कहा प्रशासन एयरपोर्ट से लेकर गगल तक तो जो गड्डे पड़े हुए थे उनका तो खाना पूर्ति कर रहा है। लेकिन कुठमां की तरफ की सुध नहीं ले रहा है। जहां सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है। समय रहते अगर कोई कदम नहीं उठाए गए तो हालात खराब हो सकते हैं।
बनू वालिया ने कहा इस पहाड़ी की वजह से दूर-दूर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है कई यात्रियों की तो पठानकोट पहुंचते पहुंचते ट्रेन भी मिस हो गई है क्योंकि जाम इतना लंबा लग रहा है की बनोई से लड़वाड़ा और कुठमां से गगल तक पहुंच जाता है जिस कारण यात्रियों को पठानकोट तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।