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चार साल पहले हुए कोटरोपी हादसे के जख्‍म हरे कर गया किन्‍नौर हादसा, 49 लोगों की गई थी जान

Kinnaur Landslide बरसात के दौरान पहाड़ दरकने से लोगों की जान को नुकसान होना आम हो गया है। चार साल पहले मंडी के कोटरोपी के पास पहाड़ दरकने से भी इसी तरह की त्रासदी हुई थी। पहाड़ दरकने से गुजर रही बस मलबे की चपेट में आ गई थी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 02:53 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 03:50 PM (IST)
चार साल पहले हुए कोटरोपी हादसे के जख्‍म हरे कर गया किन्‍नौर हादसा, 49 लोगों की गई थी जान
चार साल पहले मंडी जिला के कोटरोपी के पास पहाड़ दरकने से भी इसी तरह की त्रासदी हुई थी। FILE

शिमला, जागरण संवाददाता। Kinnaur Landslide, बरसात के दौरान पहाड़ दरकने से लोगों की जान को नुकसान होना आम हो गया है। चार साल पहले मंडी जिला के कोटरोपी के पास पहाड़ दरकने से भी इसी तरह की त्रासदी हुई थी। पहाड़ दरकने से सड़क से गुजर रही एचआरटीसी की दो बसें मलबे की चपेट में आ गई थी। रात दो बजे के बाद यह हादसा हुआ था। इस त्रासदी में 49 लोगों की मौत हो गई थी। आज इस हादसे ने कोटरोपी के जख्‍मों को मानों हरा कर दिया है। दो साल तक यहां भूस्‍खलन का दौर जारी रहा था। इस कारण कई लोगों ने घर छोड़ दिए थे व कई घर भूस्‍खलन के कारण दरक गए थे। आज किन्नौर जिले के निगल शायरी में पहाड़ दरकने से बस मलबे की चपेट में आ गई। बस हरिद्वार जा रही थी, इसमें 35 से 40 लोगों के होने की आशंका है।

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इनके साथ ही एक ट्रक भी मलबे की चपेट में आया है, इसमें भी 5 लोग हो सकते हैं, इसी तरह से अन्य महान नेवी दो से चार लोग बताए जा रहे हैं। फिलहाल घटनास्थल उपमंडल मुख्‍यालय से 62 किलोमीटर दूर होने के कारण प्रशासन को पहुंचने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

घटनास्थल पर अभी तक पहाड़ से मलबा और पत्थर गिर रहे हैं, इसलिए इसलिए अभी तक बचाव कार्य अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम को घटनास्थल पर भेज दिया है लेकिन बचाव कार्य शुरू होने में अभी समय लगेगाl

पिछले महीने ही नौ सैलानियों की हुई थी मौत

27 जुलाई को ही किन्‍नौर के बटसेरी में भी एक हादसा हुआ था, इसमें 9 सैलानियों की मृत्यु हो गई थी। पहाड़ से मलबा दरकने से सैलानी इसकी चपेट में आ गए और एक पुल भी टूट गया थाl  अभी इस हादसे से लोग उभरे नहीं थे कि यहां पर दूसरा बड़ा हादसा हो गया।


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