Updated: Tue, 09 Sep 2025 10:26 PM (IST)
हिमाचल के कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर घटने से मंडवासियों को राहत मिली है। जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर है लेकिन बीबीएमबी प्रशासन ने आउटफ्लो कम कर दिया है। ब्यास नदी में उफान से किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
संवाद सहयोगी, फतेहपुर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग बांध से राहत की खबरें आ रही हैं। मंगलवार सुबह सात बजे बांध का जलस्तर 1390.48 फीट था, जो सायं पांच बजे तक घटकर 1390.35 फीट रह गया।
यह जलस्तर खतरे के निशान 1390 फीट से कुछ ऊपर है। इस दौरान बांध में इनफ्लो 32,054 क्यूसेक और आउटफ्लो 39,586 क्यूसेक दर्ज किया गया। डाउनस्ट्रीम ब्यास नदी का बहाव भी 28,086 क्यूसेक तक घट गया है। बीबीएमबी प्रशासन ने आउटफ्लो को चरणबद्ध तरीके से कम करना शुरू कर दिया है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दोपहर के समय आउटफ्लो 40,000 क्यूसेक था, जिसे शाम से घटाकर 35,000 क्यूसेक कर दिया गया। ब्यास नदी के उफान और पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने मंड और आसपास के गांवों में भारी तबाही मचाई है। प्रभावित किसान अनिल, जीतू और उनके परिवारों की फसलें बह गई हैं, घरों की नींव प्रभावित हुई और मेहनत की कमाई पानी में समा गई।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सरकार से तत्काल राहत और स्थायी मुआवज़े की योजना की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं का बोझ अकेले ग्रामीणों पर न पड़े। गांववालों ने कहा कि उनकी पूरी जिंदगी की कमाई एक झटके में बह गई है, जिससे अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
हालांकि, जलस्तर अभी भी खतरे के निशान 1390 फीट से ऊपर है और प्रशासन आउटफ्लो को धीरे-धीरे घटा रहा है। जलस्तर 1389.50 फीट पर पहुंचते ही बीबीएमबी प्रशासन चंडीगढ़ में बैठक कर अगला निर्णय लेगा, जिसमें पौंग बांध के गेट बंद करने पर भी विचार किया जा सकता है।
एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने कहा कि मंड क्षेत्र में ब्यास किनारे रहने वाले परिवारों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। जलस्तर 1389.50 फीट पर पहुंचते ही बीबीएमबी प्रशासन मानसून के हालात को देखते हुए अगला निर्णय लेगी। यदि मौसम साफ रहा तो पौंग बांध के गेट बंद किए जा सकते हैं। प्रभावित मंडवासियों को हरसंभव राहत और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।