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    कांगड़ा: ग्राहक के खाते से ₹49887 की धोखाधड़ी, इंडियन बैंक को लौटाने होंगे पैसे; उपभोक्ता आयोग का आदेश

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 04:31 PM (IST)

    कांगड़ा स्थित इंडियन बैंक की शाखा के खिलाफ उपभोक्ता आयोग ने कार्रवाई की है। आयोग ने बैंक को कहा है कि एक शिकायतकर्ता के खाते से धोखाधड़ी कर 49,887 रुप ...और पढ़ें

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    इंडियन बैंक अपने ग्राहक को मुआवजा देगा (प्रतिकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, धर्मशाला। कांगड़ा स्थित इंडियन बैंक की शाखा के खिलाफ उपभोक्ता आयोग (Consumer Commission) ने कार्रवाई की है। आयोग ने बैंक को कहा है कि एक शिकायतकर्ता के खाते से धोखाधड़ी कर 49,887 रुपये निकाल लिए गए, जिसे 45 दिनों के भीतर वापस लौटाया जाए।

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    क्या है पूरा मामला?

    शिकायत के मुताबिक, डा. राशि सच्चर, निवासी लोहना पालमपुर को 13 फरवरी 2023 को अपने मोबाइल पर एक फर्जी संदेश मिला। मैसेज उन्हें अपने इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड को नवीनीकृत (Renewed) करने के लिए कहा गया। संदेश भेजने वाले का नाम बीपी सुबाकू था। संदेश में बताए गए निर्देशों का पालन करने पर शिकायतकर्ता को अपने संबंधित मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त हुआ।

    इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड को नवीनीकृत करने के लिए वेबसाइट पर एक डायलाग बाक्स में ओटीपी डालने पर अचानक उसके खाते से 49,887 रुपये की राशि काट ली गई।

    शिकायत के बाद अकाउंट फ्रीज

    इसके बाद शिकायतकर्ता ने उसी दिन एसबीआई मनाली शाखा और इंडियन बैंक सिलीगुड़ी शाखा में अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। बैंक अधिकारियों से पूछताछ करने पर पता चला कि अकाउंट से काटी गई धनराशि इंडियन बैंक, सिलीगुड़ी शाखा के न्यू ओम स्टोर नामक खाते में जमा की गई है। 19 फरवरी 2024 को शिकायतकर्ता को बैंक यानी इंडियन बैंक सिलीगुड़ी शाखा से एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें बताया कि उन्होंने शिकायतकर्ता की शिकायत पर धोखाधड़ी करने वाले का खाता यानी न्यू ओम स्टोर का अकाउंट फ्रीज कर दिया है।

    आरोप है कि शिकायतकर्ता द्वारा राशि जारी करने के अनुरोधों के बावजूद बैंक प्रबंधन द्वारा उनके दावे का निपटारा नहीं किया गया। इससे परेशान होकर शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाई।

    45 दिनों में पैसे लौटाने का आदेश

    इस मामले की सुनवाई उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा व सदस्य आरती सूद की खंडपीठ में हुई। आयोग ने बैंक को आदेश दिया कि शिकायतकर्ता के खाते से धोखाधड़ी कर निकाले गए 49,887 रुपये 45 दिनों में उसे लौटाया जाए। आदेश में यह भी कहा गया कि समय रहते पैसे नहीं लौटेने पर शिकायत की तिथि से भुगतान होने तक 9 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज लगेगा। इसके अलावा इंडियन बैंक द्वारा शिकायतकर्ता को दस हजार रुपये मुआवजा व पांच हजार रुपये का न्यायालय शुल्क भी देना होगा। 

    इसके साथ ही इंडियन बैंक मुख्य शाखा सिलीगुड़ी व भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा पालमपुर को यह भी निर्देश दिया जाता है कि वह 60 दिनों के भीतर एक शपथ पत्र दाखिल करें, जिसमें धोखाधड़ी के मामलों में विवादित फ्रीज राशि जारी करने की प्रक्रिया का विवरण हो व बैंक खाता फ्रीज करने की जानकारी हो।