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    सीएम जयराम के कहने पर हिमाचली लोक गायक इंद्रजीत ने तैयार किया सरकारी योजनाओं पर गीत, कल होगा रिलीज

    By Jagran NewsEdited By: Virender Kumar
    Updated: Sun, 09 Oct 2022 06:59 PM (IST)

    Himachali Folk Singer Inderjeet मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कहने पर हिमाचल के लोक गायक इंद्रजीत ने सरकार की योजनाओं पर नया गीत तैयार किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को कुल्लू लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में विधिवत रूप से इसे रिलीज करेंगे।

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    हिमाचली लोक गायक इंद्रजीत ने सरकारी योजनाओं पर गीत तैयार किया है।

    कुल्लू, संवाद सहयोगी। Himachali Folk Singer Inderjit, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कहने पर हिमाचल के लोक गायक इंद्रजीत ने सरकार की योजनाओं पर नया गीत तैयार किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को कुल्लू लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में विधिवत रूप से 'जय जय कार' रिलीज करेंगे। इस गीत में सरकार की सभी योजनाओं के बारे में बताया गया है। जैसे सहारा, हिमकेयर, शगुन योजना, वृद्धा पेंशन, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी इत्यादि। यह गीत इंद्रजीत ने खुद लिखा व गाया है। अपने अंदाज में इस गीत का फिल्मांकन किया है। इंद्रजीत हमेशा हिमाचली संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही मुख्यमंत्री के मनाली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने इंद्रजीत के साथ फोटो को अपने इंटरनेट मीडिया में भी शेयर किया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इंद्रजीत के गानों को काफी पसंद करते हैं।

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    इस गांव में देवता नाडू फांगी का आदेश ही अंतिम निर्णय

    अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में भाग लेने आए देवताओं का अपना इतिहास है। यह आस्था ही है कि आज भी कुल्लू के कई गांवों के लोग लड़ाई-झगड़े या अन्य मामलों के निपटाने के लिए देवताओं पर भरोसा करते हैं। लरांकेलो के नाडू फांगी और बंजार के देवता बनशीरा भी ऐसे ही हैं। लरांकेलो के देवता नाडू फांगी गांव के लोगों की हर समस्या का समाधान करते हैं। देवता के गूर भादर सिंह ने बताया कि गांव में जब भी कोई विवाद होता है तो लोग देवता के समक्ष समस्या रखते हैं। देवता गूर के माध्यम से विवाद का फैसला करते हैं। लोगों को देवता की शक्ति पर पूरा भरोसा है। इसलिए देवता को कोर्ट कचहरी के मामलों में जल्द न्याय देने के लिए जाना जाता है। देवता के पास दूरदराज से लोग मन्नत मांगने आते हैं।

    मन्नत पूरी होने पर देवता को घर ले जाते हैं। यह परंपरा काफी साल से चली आ रही है। देवता दो वर्ष से दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए कह रहा था। इसलिए पहली बार देवता भगवान रघुनाथ जी की चाकरी के लिए आया है। इसी तरह बंजार के देवता बनशीरा भी न्याय के देवता कहलाए जाते हैं। देवता के पास जो भी न्याय के लिए आता है उसका पक्ष जानकर न्याय करता है।