Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Prem Kumar Dhumal: हिमाचल के पूर्व मुख्‍यमंत्री धूमल ने 78 साल की उम्र में चुनाव लड़ने की जताई इच्‍छा, दिया यह तर्क

    Prem Kumar Dhumal हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और दो बार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव लड़ने की इच्‍छा जताई है। वह 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राजिंदर सिंह राणा से एक नई सीट से हार गए थे।

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Sun, 04 Sep 2022 11:47 AM (IST)
    Hero Image
    हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और दो बार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल

    शिमला, एजेंसियां। Prem Kumar Dhumal, हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और दो बार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव लड़ने की इच्‍छा जताई है। वह 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राजिंदर सिंह राणा से एक नई सीट से हार गए थे। लेकिन वह इस बार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में वह 78 साल की उम्र में भी मैदान में उतरने को तैयार हैं। धूमल काे विश्वास है कि वह हार गए थे, लेकिन राजनीतिक रूप से खत्‍म नहीं हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चुनाव विश्लेषकों का मानना ​​है कि धूमल तीन बार सांसद रहे हैं व प्रदेश में पार्टी काे खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1998 में सुख राम की हिमाचल विकास कांग्रेस के समर्थन से भाजपा सरकार बनाई थी। 2017 के चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार धूमल को उनके गृह जिले हमीरपुर की सीट सुजानपुर में सीधे मुकाबले में 1,919 मतों से हार का सामना करना पड़ा था, जहां उन्हें उनके पूर्व चुनाव प्रबंधक और कांग्रेस प्रत्‍याशी विधायक राणा के खिलाफ अनिच्छा के बावजूद चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था।

    केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता धूमल के करीबी भाजपा नेताओं का कहना है शांता कुमार के जाने के बाद धूमल ने पार्टी को मजबूत करने में दो दशक तक अहम भूमिका निभाई है। बढ़ती उम्र के बावजूद उन्‍हें फिर से चुनाव लड़ने का अवसर दिया जाना चाहिए। उनका कहना है कि उनकी हार के बाद मतदाता उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है धूमल अपने चेहरे पर हार के दाग के बजाय सम्मानपूर्वक राजनीति को अलविदा कहना चाहते हैं। पार्टी में उनका योगदान अद्वितीय है और वह अभी भी राज्य में काफी प्रभाव रखते हैं।

    पार्टी के नेता, जो धूमल के अंतिम कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे, ने कहा, धूमल ने हाल ही में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अपने राजनीतिक करियर में आखिरी बार मैदान में उतरने की इच्छा के बारे में अवगत करवाया है। मुझे उम्मीद है कि नेतृत्व उन्हें एक और मौका देकर उनकी भावनाओं का सम्मान करेगा।

    पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनावों में धूमल पार्टी द्वारा उन्हें उनके हमीरपुर गढ़ से निकटवर्ती सुजानपुर में स्थानांतरित करने से नाराज थे। वह भी चुनाव से कुछ दिन पहले। धूमल ने 1998 से 2003 और 2008 से 2012 तक राज्य का नेतृत्व किया है।

    प्रेम कुमार धूमल बड़े पैमाने पर अपने सुजानपुर निर्वाचन क्षेत्र में जनसभाओं में भाग लेकर राज्य की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। धूमल के मैदान में कूदने का संकेत तब आया जब सांसद इंदु गोस्वामी ने पिछले सप्ताह भाजपा महिला मोर्चा को संबोधित करते हुए घोषणा की कि महिलाओं को एकजुट होना चाहिए। धूमल की जीत के लिए महिलाओं को पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की विधानसभा चुनाव में भारी अंतर से जीत सुनिश्चित करनी चाहिए।

    पड़ोसी राज्‍य में जोरदार जीत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) से खतरे को भांपते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख जेपी नड्डा ने अप्रैल में घोषणा की कि पार्टी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन एक मजबूत सत्ता विरोधी लहर सत्तारूढ़ भाजपा देख चुकी है। अक्टूबर 2021 के उपचुनाव में तीन विधानसभा सीटों और एक संसदीय सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक विशलेषकों का मानना ​​​​है कि इस स्तर पर राजनीतिक परिदृश्य में धूमल काे साथ लेकर चलना होगा।