हिमाचल: राज्यसभा सीट के लिए भाजपा के ये छह नेता दौड़ में, मंडी संसदीय क्षेत्र से मौका मिलने के क्यास
Himachal Rajya Sabha Seat Election राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना के बाद हिमाचल प्रदेश में भाजपा के चेहरों की कतार लंबी होती दिख रही है। अब तक संगठन और संघ से जुडे़ छह नेता राज्यसभा जाने की टिकट की दौड़ में हैं।

शिमला, रोहित नागपाल। Himachal Rajya Sabha Seat Election, राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना के बाद अब राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंचती दिख रही है। प्रदेश से राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा का कार्यकाल दो अप्रैल को खत्म हो रहा है। अब नए सदस्य के चयन के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू की जानी है। इसके लिए मतदान से लेकर कब नामांकन भरे जाने हैं, इसका पूरा शेड्यूल जारी कर दिया गया है। ऐसे में भाजपा नेताओं के बीच लाबिंग तेज हो गई है। सभी अपने राजनीतिक आकाओं के दम पर राज्यसभा का टिकट हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
प्रदेश में मंडी संसदीय क्षेत्र ही ऐसा है, जहां से अभी राज्यसभा में भाजपा की ओर से कोई भी सांसद नहीं है। इसलिए एक ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि मंडी से किसी नेता को भाजपा राज्यसभा भेज सकती है। सभी संसदीय क्षेत्रों पर नजर डालें तो शिमला से भाजपा के लोकसभा सदस्य सुरेश कश्यप हैं। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
दूसरी तरफ हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं। कांगड़ा से राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी और लोकसभा सांसद किशन कपूर दोनों संसद में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मंडी से पहले स्वर्गीय राम स्वरूप शर्मा लोकसभा सांसद रहे, लेकिन उनके देहांत के बाद जो उपचुनाव हुए उसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस की प्रत्याशी प्रतिभा सिंह को इसमें जीत हासिल हुई है। इसलिए मंडी से भाजपा किसी प्रत्याशी को राज्यसभा भेज सकती है।
सूत्रों की मानें तो संगठन और संघ की ओर से पूर्व में भाजपा के संगठन मंत्री रहे महेंद्र पांडे, अजय जमवाल और मुख्यमंत्री के नजदीकी माने जाने वाले राकेश जम्वाल का नाम चल रहा है। इसी तरह से अजय राणा, त्रिलोक जम्वाल के नाम की भी चर्चा है। पूर्व में राज्यसभा सदस्य कृपाल परमार का नाम भी एक धड़े की ओर से आगे किया जा रहा है। अब इन तीनों में से किसे भाजपा हाईकमान राज्यसभा भेजती है, यह तो समय ही तय करेगा। इन तीनों के नाम पर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चा हो रही है।
वहीं कांग्रेस राज्यसभा के चुनाव के आंकड़े में काफी पीछे है। इसलिए पार्टी अपना प्रत्याशी उतारेगी या नहीं उतारेगी। इस पर फैसला भी आने वाले समय में होने वाली बैठक में ही लिया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है। इससे पहले ही चुनावी प्रक्रिया को पूरा कर राज्यसभा सांसद की सीट को भरा जाना है।
इस बार भी चौंका सकती है हाईकमान
भाजपा हाईकमान विधानसभा अध्यक्ष, पार्टी अध्यक्ष बनाने से लेकर कई अन्य फैसलों में राजनीतिज्ञों से लेकर आम जनता को चौंका चुकी है। अब हाईकमान को भांपना पार्टी के नेताओं के लिए भी आसान नहीं है। इसलिए यदि कोई फैसला चौंकाने वाला लिया जाता है तो हैरानी नहीं होगी।
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