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    Gobind Sagar Lake: गोबिंद सागर की गहराई काे नहीं भांप पाए थे युवक, प्रशासन की सुस्‍ती व लापरवाही सहित यह भी हादसे का कारण

    Gobind Sagar Lake Accident गोबिंद सागर झील में सोमवार को दर्दनाक हादसे में सात लोगों की जान चली गई। गरीब नाथ मंदिर के पास जहां यह हादसा हुआ। यहां इससे पहले भी कई लोग जान गंवा चुके हैं।

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 10:05 AM (IST)
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    गोबिंद सागर झील में सोमवार को दर्दनाक हादसे में सात लोगों की जान चली गई।

    ऊना/बंगाणा, जागरण टीम। Gobind Sagar Lake Accident, गोबिंद सागर झील में सोमवार को दर्दनाक हादसे में सात लोगों की जान चली गई। गरीब नाथ मंदिर के पास जहां हादसा हुआ। यहां इससे पहले भी कई लोग जान गंवा चुके हैं। इस बार भी प्रशासन की सुस्ती और श्रद्धालुओं की लापरवाही सात लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ गई। यहां अकसर अन्‍य राज्‍यों से पहुंचने वाले लोग ही हादसे का शिकार होते हैं, क्‍योंकि वह पानी की गहराई को नहीं भांप पाते। किनारों पर पानी कम दिखता है, लेकिन असल में इसकी बहुत गहराई है। यही लापरवाही

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    ऊना जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बंगाणा के कोलका गांव में सोमवार को गोबिंदसागर झील में करीब 250 फीट गहरे पानी में नहाने उतरे पंजाब के बनूड़ कस्बे के रहने वाले सात लोगों की मौत हो गई। इनमें चार नाबालिग थे। मृतकों में छह विद्यार्थी थे जबकि एक युवक दुकानदार था। प्रशासन ने यहां लोगों को झील में न उतरने के लिए कोई तैनाती नहीं की थी और सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगाकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली।

    बनूड़ से 11 लोग छह मोटरसाइकिल पर सवार होकर बिलासपुर के श्री नयना देवी मंदिर में माथा टेककर थानाकलां से रायपुर मैदान मार्ग पर स्थित कोलका गांव में पहुंचे। वे बाबा बालक नाथ मंदिर में माथा टेकने जा रहे थे। यहां पर झील में नहाने के लिए रुक गए। इनमें से एक झील में उतरा और गहराई ज्यादा होने के कारण डूबने लगा। बाकी सभी एक-दूसरे का हाथ पकड़कर उसे बचाने के लिए आगे बढ़े। झील में पानी गहरा होने के कारण बीच में से एक युवक का हाथ छूट गया और छह युवक पानी में समा गए। किनारे पर रहे चार युवकों ने शोर मचाया।

    झील में पानी अधिक होने के कारण स्थानीय गोताखोरों ने बचाव कार्य में असमर्थता जताई। घटना की सूचना मिलने पर एसपी अर्जित सेन व एसडीएम बंगाणा योगराज मौके पर पहुंचे। इसके बाद प्रशासन ने बीबीएमबी प्रबंधन से संपर्क किया। बीबीएमबी के पांच गोताखोर मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद सातों के शव निकाले।

    तारबंदी की जरूरत नहीं समझी

    पंचायतों से प्रस्ताव मिलने के बावजूद भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) और प्रशासन ने यहां पर तारबंदी करने की जरूरत नहीं समझी। पिछले दो साल में यहां कई हादसे हो चुके हैं लेकिन चेतावनी बोर्ड लगाने के अलावा कोई कदम नहीं उठाया गया। बरसात में यहां जलस्तर काफी बढ़ जाता है। बाहर से आने वाले लोग पानी की गहराई का आकलन नहीं कर पाते और हादसे का शिकार हो जाते हैं।

    इनकी जान गई

    19 वर्षीय रमन पुत्र लाल चंद, 37 वर्षीय पवन पुत्र सुरजीत राम, 14 वर्षीय अरुण पुत्र रमेश कुमार, 17 वर्षीय लाभ सिंह पुत्र लाल चंद, 16 वर्षीय लखवीर पुत्र रमेश कुमार, 18 वर्षीय विशाल पुत्र राजू, 16 वर्षीय शिवा पुत्र अवतार सिंह सभी निवासी वार्ड नंबर एक बनूड़ जिला मोहाली (पंजाब)। अरुण व लखवीर और रमन व लाभ सिंह सगे भाई थे।

    मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना

    मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोलका में पंजाब के सात लोगों की मौत पर दुख जताया है। ईश्वर शोकग्रस्त स्वजन को संबल प्रदान करें।