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Himachal Pong Lake: हिमाचल में पौंग झील की इन दिनों करें सैर, यादगार रहेगा सफर, विदेशी परिंदे करेंगे स्‍वागत

Himachal Pradesh Pong Lake हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित पौंग झील इन दिनों सैलानियों की पहली पसंद बनी हुई है। यहां विदेशी परिंदें पहुंचने लगे हैं। पौंग झील की लहरों के बीच अठखेलियां करते विदेशी परिंदों को देखने के लिए पर्यटक यहां पहुंचते हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Nov 2022 06:29 AM (IST)Updated: Mon, 14 Nov 2022 08:04 AM (IST)
Himachal Pong Lake: हिमाचल में पौंग झील की इन दिनों करें सैर, यादगार रहेगा सफर, विदेशी परिंदे करेंगे स्‍वागत
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा स्थित पौंग झील में पहुंचे विदेशी परिंदे।

नगरोटा सूरियां, जागरण टीम। Himachal Pradesh Pong Lake, हिमाचल प्रदेश में नदियां, झरने व बर्फ के अलावा भी पर्यटन स्‍थल हैं। हम बात कर रहे हैं कांगड़ा जिला में स्थित पौंग झील की। पंजाब से सटी पौंग झील में इन दिनों पर्यटक घूमने के लिए आ सकते हैं। इन दिनों आपकी यात्रा काफी यादगार रहेगी, क्‍योंकि सर्दी के मौसम में यहां कई प्रजातियों के पक्षी पहुंचते हैं। पौंग झील में अब विदेशी मेहमानों ने दस्तक दे दी है। पौंग झील में कई प्रजातियों के 20 हजार से ज्‍यादा प्रवासी पक्षी पहुंच गए हैं। इस कारण पौंग झील गुलजार हो गई है। यह मेहमान परिंदे मध्य एशिया, साइबेरिया, चीन मंगोलिया आदि ठंडे देशों से यहां पहुंचते हैं और जैसे जैसे और ठंड बढ़ेगी, इनकी संख्या में बढ़ोतरी होगी। अगले माह तक यह संख्या लाखों में पहुंच जाएगी। मार्च महीने तक यह विदेशी मेहमान यहां से वापस लौटेंगे।

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इन पक्षियों का डेरा

ग्रेट क्रिस्टल ग्रेब प्रजाति के 7, ग्रेट करमोरेंट प्रजाति के 12, ग्रे हैरोन प्रजाति के 7, बार हैडिड गूज 17, ब्राह्मणी शैलडक 68, कॉमनटील के 497, नॉर्दर्न पिनटेल 875, कोमनकूट के 1118, ब्लैक हैडिड गल 100, ब्राउन हैडिड गल 67, यूरेशियन विजन 26, गॉडबैल 10 व अन्य प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों सहित काफी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं।

विदेशी परिंदों की सुरक्षा करेंगी 15 टीमें

विदेशी मेहमान परिंदों की सुरक्षा के लिए 15 वन्य प्राणी विभाग की टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें इन पक्षियों की सुरक्षा करेंगी व शिकार पर रोक लगाएंगी। यहां पर पांच महीने यह पक्षी लगातार रौनक बढ़ाते हैं। इन पक्षियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं। पक्षियों की अठखेलियों को देखकर यहां पर पर्यटक काफी आनंदित होते हैं। सबसे अधिक यहां पर बार हैडेड गूज नाम का प्रवासी पक्षी पहुंचता है, जबकि अन्य सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी यहां पहुंचते हैं।

पौंग झील किनारे न हो खेती

बुद्धिजीवियों सहित पक्षी प्रेमियों ने वन्य प्राणी विंग से मांग की है कि पौंग झील किनारे खेती न होने दी जाए, ताकि प्रवासी पक्षी पानी के बाहर आजादी से घूम सकें।

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पिछले वर्ष आए थे 100 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षी

पिछले वर्ष सौ से अधिक प्रजातियों के पक्षियों ने यहां पर दस्तक दी थी। एक लाख से अधिक विदेशी मेहमान परिंदे यहां पहुंचे थे। हालांकि पिछली बार विदेशी मेहमान परिदों की बर्ड फ्लू से काफी मौतें हुई थी। जिन्हें विभाग की निगरानी में दबाया गया था।

यह बोले डीएफओ वाइल्ड लाइफ

वन्य प्राणी विंग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि वन्य प्राणी विंग ने प्रवासी पक्षियों की देखरेख के लिए टीमों का गठन कर दिया है। अगर कोई प्रवासी पक्षियों का शिकार करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पौंग किनारे किसी को भी खेती नहीं करने दी जाएगी। कोई ट्रैक्टर चलाता पाया गया, तो जब्त कर लिया जाएगा।

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