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    हिमाचल में सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती, पंचायतों को चालान काटने और रिपोर्ट करने के निर्देश

    हिमाचल प्रदेश में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए ग्राम पंचायतों को चालान काटने के निर्देश दिए गए हैं। कांगड़ा जिला पंचायत अधिकारी ने बताया कि राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उपायुक्त कांगड़ा ने चालान की जानकारी तुरंत विभाग को भेजने के लिए कहा है। सरकार का उद्देश्य राज्य में स्वच्छता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है।

    By rajinder dogra Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 28 Jun 2025 11:11 PM (IST)
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    हिमाचल में सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती (फाइल फोटो)

    संवाद सहयोगी, जसवां परागपुर। हिमाचल प्रदेश में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करने के प्रयासों को तेज़ कर दिया गया है। राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को अब स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से चालान (जुर्माना) काटें और उसकी जानकारी संबंधित विभाग को भेजें। यह कदम राज्य में इस महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दे पर एक उच्च-स्तरीय बैठक से ठीक पहले आया है।

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    कांगड़ा जिला के जिला पंचायत अधिकारी विक्रम सिंह ने एक पत्र जारी कर स्थिति की तात्कालिकता पर जोर दिया। पत्र में बताया गया है कि सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के कार्यान्वयन पर राज्य-स्तरीय विशेष टास्क फोर्स की बैठक में उक्त आदेशों को लागू करने के निर्देश मिले हैं। यह बैठक राज्य में प्लास्टिक कचरे को कम करने और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

    उपायुक्त कांगड़ा ने सभी ग्राम पंचायतों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे चालान काटने की प्रक्रिया को शुरू करें। उन्होंने न केवल एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं पर सक्रिय रूप से जुर्माना लगाने के लिए कहा है बल्कि यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया हैं कि इन जारी किए गए चालानों की जानकारी तुरंत संबंधित विभाग को भेजी जाए। यह कदम जमीनी स्तर पर प्रवर्तन को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

    जिले के सभी खंड विकास अधिकारियों और ग्राम पंचायतों से तत्काल चालान काटने की जानकारी दो दिनों के भीतर संबंधित विभाग को उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है। इस त्वरित कार्रवाई का उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ राज्य के संकल्प को मजबूत करना और पूरे हिमाचल प्रदेश में प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है। सरकार का मानना है कि इन कड़े उपायों से राज्य में स्वच्छता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।