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    सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने की मुहिम में शिमला सचिवालय ही लापरवाह, सालाना हो रही थी पांच लाख बचत

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2022 07:39 AM (IST)

    Himachal Pradesh Shimla Secretarait सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के केंद्र सरकार के प्रयास सचिवालय में अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं। नतीजनत सोलर पैनलों से 1500 उत्पादित होने वाली बिजली से एक साल के दौरान साढ़े पांच लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।

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    हिमाचल प्रदेश में सरकारी कार्यालयों पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं।

    शिमला, प्रकाश भारद्वाज। Himachal Pradesh Shimla Secretarait, सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के केंद्र सरकार के प्रयास सचिवालय में अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं। नतीजनत सचिवालय में लगे सोलर पैनलों से रोजाना पंद्रह सौ रुपये उत्पादित होने वाली बिजली से एक साल के दौरान साढ़े पांच लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले एक वर्ष तक सोलर पैनल से उत्पादित होने वाली बिजली का उपयोग नहीं हो पाया। कारण यह था कि आम्र्सडेल बिल्डिंग के पीछे निर्माण के कारण सोलर पैनल की अर्थिंग टूट गई है। इस वर्ष के शुरू में अर्थिंग प्रणाली स्थापित होने के बाद विद्युत सचिवालय भवन में उपयोग हो रही है।

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    वर्ष 2016 में स्थापित सोलर पैनल के फलस्वरूप सचिवालय प्रशासन का मासिक बिजली बिल कम हुआ है। विद्युत उपयोग सही तरीके से होने के कारण पहली बार जीएडी को बिजली-पानी के बिलों का भुगतान करने के लिए पांच से सात लाख रुपये धनराशि की अतिरिक्त मांग नहीं करनी पड़ी। पहली बार जीएडी ने सरकार को 14 लाख रुपये सरेंडर यानी वापस लौटाए हैं।

    छह लाख का बिजली बिल

    सोलर पैनल से तैयार होने वाली बिजली का सही तरीके से इस्तेमाल होने के फलस्वरूप आजकल 6 लाख रुपये मासिक बिल आ रहा है। सोलर पैनलों से तैयार होने वाली बिजली से रोजाना काफी बचत होती है।

    कर्मचारियों के आवासों पर

    इन दिनों सचिवालय कर्मचारियों के आवास पर जाकर ये जानकारी प्राप्त की जा रही है कि उनका मासिक बिजली बिल कितना आता है। सचिवालय प्रशासन की ओर से कर्मचारियों के आवासों पर सोलर पैनल लगाने की योजना प्रस्तावित है। शिमला शहर में सचिवालय कर्मचारियों की 1830 आवासीय सुविधा है। इसके अतिरिक्त जल शक्ति, वन, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, स्वास्थ्य विभाग के आइजीएमसी में आवास हैं। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग व रेलवे की भी अपनी आवासीय सुविधा है।

    रोजाना चलते हैं 2500 कंप्यूटर

    सचिवालय में रोजाना 2500 कंप्यूटर चलते हैं और बिजली की जरूरत सोलर पैनल से पूरी होती है। राज्य सचिवालय मुख्यालय की आम्र्जडेल बिल्डिंग के अलावा राज्य पथ परिवहन निगम की जरूरत सोलर पैनल से उत्पादित होने वाली बिजली से पूरी होती है। सतलुज जल विद्युत निगम मुख्यालय पूरी तरह से सोलर ऊर्जा पर केंद्रित है, जोकि सौर ऊर्जा का अद्भुत उदाहरण है।

    क्‍या कहते हैं मुख्‍य सचिव

    मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार राम सुभाग सिंह का कहना है सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि हरित ऊर्जा राज्य बन सके। इस दिशा में सभी विभागों को सोलर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सरकार के अधिकांश निदेशालयों में सोलर पैनल से निदेशालयों की ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा।