शिमला की पराला मंडी में चैरी, प्लम, शक्करपारा स्टोन फ्रूट ने दी दस्तक, जानिए क्या भाव मिल रहा
Himachal Stone Fruits ऊपरी शिमला की सबसे बड़ी सेब मंडी पराला में इन दिनों चैरी प्लम शक्करपारा स्टोन फ्रूट की आमद पहुंचने से फल सीजन की शुरुआत हो गई है। मंडी में चैरी 50 से 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है।
ठियाेग, सुनील ग्रोवर। Himachal Stone Fruits, ऊपरी शिमला की सबसे बड़ी सेब मंडी पराला में इन दिनों चैरी, प्लम, शक्करपारा स्टोन फ्रूट की आमद पहुंचने से फल सीजन की शुरुआत हो गई है। मंडी में चैरी 50 से 150 रुपये प्रति किलो, प्लम 50 से 80 रुपये प्रति किलो और शक्करपारा 40 से 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। हालांकि पिछले कुछ माह में बारिश न होने से उत्पन्न हुए सूखे की वजह फसल की गुणवत्ता पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है। सूखे के कारण फसल कम होने की वजह से मंडी से आमद काफी कम हो रही है। सैंज व निचले इलाकों में गिरी खड्ड से किसान सिंचाई के लिए पानी लेते हैं लेकिन इस बार तापमान अधिक होने के कारण उन किसानों की फसल भी अधिक नहीं हो पाई है।
मार्च व अप्रैल माह में बारिश न होने से किसानों और बागवानों की फसलें मंदी की मार झेल रहे हैं। इसका सीधा असर ठियोग व अन्य बाजारों पर भी पड़ रहा है। इन दिनों बाजार में काफी कम ग्राहक आ रहे हैं जिसके कारण व्यापारियों के चेहरे भी लटके हुए हैं।
मंगलवार को मंडी में चैरी के 120 बॉक्स, प्लम के 50 बॉक्स और शक्कर पारे के 90 बॉक्स बिकने के लिए पहुंचे हैं। सीजन के देरी से शुरू होने की वजह से मंडी में दो आढ़ती ही खरीद फरोख्त का काम कर रहे हैं। पिछले साल इन आढ़तियों की संख्या 10 से 12 तक थी। अधिकतर बागवान शिमला के भट्टाकुफर और ढली मंडी में अपनी फसल को बेचने के लिए जा रहे हैं। इसी वजह से पराला मंडी में पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत माल कम आ रहा है।
सूखे से फलों की गुणवत्ता व कीमत में आई कमी
मार्च व अप्रैल की बारिश प्लम, खुमानी, चैरी, नाशपती व अन्य गुठलीदार फलों के अति आवश्यक मानी जाती है और फल खूब रसीले होते हैं। लेकिन सूखे के कारण फलों की गुणवत्ता में कमी आई तो फल मंडियों में कीमत में कमी आई। इसके कारण स्टोन फ्रूट की फसल पर निर्भर रहने वाले बागवानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
मटर व गोभी की आमद भी शुरू
वहीं दूसरी ओर पराला मंडी में गोभी और मटर की फसल भी पहुंचने लगी है। मंगलवार को 30 किवंटल मटर और 7 कट्टे गोभी के बिकने के लिए पहुंचे हैं। गुणवत्ता के आधार पर मटर 25 से 55 और गोभी 30 से 35 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। सैंज व आसपास के इलाकों में गोभी की फसल की अच्छी पैदावार की जाती है, लेकिन बारिश न होने से तापमान में अधिक वृद्धि होने से ज्यादातर फसल खेतों में ही सूख चुकी हैं।
पराला मंडी में खरीद फरोख्त
एपीएमसी के अध्यक्ष नरेश शर्मा का कहना है स्टोन फ़्रूट का काम करने वाले अधिकतर आढ़ती ढली या अन्य मंडियों में काम कर रहे हैं। सेब की फसल आने पर पराला में अधिक हलचल बढ़ जाती है। स्टोन फ्रूट की पराला में पहले से ही कम आमद आती है। जैसे-जैसे सीजन रफ्तार पकड़ेगा पराला में खरीद फरोख्त बढ़ जाएगी।
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