Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल: 10 दिन में 5वां पैराग्लाइडिंग हादसा, आखिर क्या है वजह? जालसूजोत से रेस्क्यू किया रूस का पायलट

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 30 Oct 2025 03:16 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। कुल्लू में ऑस्ट्रेलियाई पायलट के बाद, एक रूसी पायलट जालसूजोत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रेस्क्यू टीम ने उसे बचाया। हाल ही में कनाडा की एक महिला पायलट की जान गई और फ्रांस का पायलट भी घायल हुआ। पिछले 10 दिनों में यह पांचवां पैराग्लाइडिंग हादसा है, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश में 10 दिन पांचवां पैराग्लाइडर हादसा हो गया है। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण टीम, बैजनाथ (कांगड़ा)। हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग हादसे नहीं थम रहे हैं। गत दिवस भी जिला कुल्लू की सेवन सिस्टर पीक पर ऑस्ट्रेलिया का पायलट हादसे का शिकार हो गया था। जिसे 20 घंटे बाद रेस्क्यू किया गया। हाल ही में कनाडा की महिला पायलट जान गंवा चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा फ्रांस का पायलट भी हादसे का शिकार हुआ है। 10 दिन के भीतर पांचवां हादसा हुआ है। गत दिनों बरोट की पहाड़ियों में भी एक पायलट फंस गया था। 

    जालसूजोत से रूस का पायलट रेस्क्यू

    पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग घाटी से उड़ान भरने के बाद रूस के पायलट की क्रैश लैंडिंग हुई थी, वह जालसूजोत में फंस गया था। 39 वर्षीय पावेल सुकोत्सकी पैराग्लाइडिंग करते हुए मौसम अनुकूल न होने के कारण जालसूजोत में लैंडिंग कर गए थे। यह स्थान काफी दूर होने के कारण उन्होंने इसकी सूचना बीड़ में पैराग्लाइडिंग की रेस्क्यू टीम को दी। 

    स्पाइन व टांगों में आई चोटें

    इसके बाद बुधवार सुबह हेलिकाप्टर की मदद से माउंटेन पैरा रेस्क्यू टीम ने पायलट को रेस्क्यू कर लिया। पायलट का विवेकानंद अस्पताल में चेकअप करवाया है। पायलट की स्पाइन व टांगों में चोटें आई हैं। 

    मौसम अनुकूल न होने के कारण हादसा

    रेस्क्यू टीम के हेड राहुल सिंह ने बताया कि मंगलवार को मौसम अनुकूल न होने के कारण रूस का पायलट जालसू पास की पहाड़ियों में हादसे का शिकार हुआ था। विशेषज्ञों का कहना है कि संकरी पहाड़ी से गुजरते वक्त कई बार हवा का दबाव कम व ज्यादा होने के कारण ग्लाइडर बंद हो जाते हैं, इस कारण हादसा होने की आशंका रहती है। 

    पायलट स्वयं पहुंच गया था सुरक्षित स्थान पर 

    पायलट से वाकी टाकी के माध्यम से बातचीत की। उसने बताया कि वह खुद ही सुरक्षित स्थान पर पहुंच गया है। बुधवार को दिन में 11 बजे हेलीकाप्टर से रेस्क्यू कर अस्पताल भेजा। रेस्क्यू टीम में भगवान सिंह, संजय ठाकुर, नीलकमल, सुरेंद्र, राकेश, अभय, अक्षय, वीरेंद्र, विक्रांत, सुरेश व प्रवीण शामिल रहे।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल में लटकी 6297 पदों पर NTT भर्ती, 10,000 आवेदनों में से 14 ही पात्र, अब क्या करेगी सरकार?

    यह भी पढ़ें: शिमला: संजौली मस्जिद को तोड़ने का आदेश, वक्फ बोर्ड अदालत में नहीं पेश कर पाया दस्तावेज; ढांचा अवैध करार