Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्‍वामी चिन्‍मयानंद के दिखाए रास्‍ते पर आगे बढ़ रहा चिन्‍मय आश्रम, इस तरह कर रहा समाज की सेवा

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 03 Aug 2022 07:56 AM (IST)

    Swami Chinmayanand Saraswati तपोवन चिन्मय आश्रम में आज स्वामी चिन्मयानंद को याद किया जाएगा। आश्रम आज उनकी पुण्यतिथि को मना रहा है। आश्रम उनके बताए मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और कई तरह के जनजागरण के काम चिन्मय तपोवन आश्रम व ट्रस्ट के माध्यम से किए जा रहे हैं

    Hero Image
    तपोवन चिन्मय आश्रम में आज स्वामी चिन्मयानंद को याद किया जाएगा।

    धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Swami Chinmayanand Saraswati, तपोवन चिन्मय आश्रम में आज स्वामी चिन्मयानंद को याद किया जाएगा। आश्रम आज उनकी पुण्यतिथि को मना रहा है। आश्रम उनके बताए मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और कई तरह के जनजागरण के काम चिन्मय तपोवन आश्रम व ट्रस्ट के माध्यम से किए जा रहे हैं। आश्रम में वेदांत चलता है। यहां दो साल के लिए विद्यार्थी दीक्षा ले रहे हैं। यह दीक्षा 2023 में पूर्ण होगी। यहां चालीस विद्यार्थी दीक्षा लेते रहे हैं। लेकिन वर्तमान में यहां पर सिर्फ दस विद्यार्थी दीक्षा ले रहे हैं। इसका कारण यह है कि कोरोना काल के कारण यहां विद्यार्थियों की संख्या कम रही है। जबकि ट्रस्ट के माध्मय से कोड में ग्रामीण स्तर पर काम किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रम जनजागरण, स्वरोजगार व अन्य सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। पदमश्री क्षमा मैत्रे के मार्दर्शन में कोड कार्य कर रहा है। हालांकि पूरी तरह से ट्रस्ट इन सब कार्यक्रमों पर नियंत्रण रखता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वेदान्त दर्शन के एक महान प्रवक्ता थे स्वामी चिन्मयानंद

    तीन अगस्‍त को स्‍वामी चिन्‍मयानंद की पुण्‍यतिथि है। धर्मशाला में स्‍वामी चिन्‍मय आश्रम है। यहां तपोवन स्थित आश्रम में कल विभिन्न संत समाज के ज्ञानी पुण्यतिथि पर सादे कार्यक्रम में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। स्वामी चिन्मयानंद हिन्दू धर्म और संस्कृति के मूलभूत सिद्वांत वेदान्त दर्शन के एक महान प्रवक्ता थे। उन्होंने सारे देश में भ्रमण करते हुए देखा कि देश में धर्म संबंधी अनेक भ्रांतियां फैली हैं। उनका निवारण कर शुद्व धर्म की स्थापना करने के लिए उन्होंने गीता ज्ञान-यज्ञ प्रारंभ किया और 1953 में चिन्मय मिशन की स्थापना की। स्वामी जी के प्रवचन बड़े ही तर्कसंगत और प्रेरणादायी होते थे। उनको सुनने के लिए हजारों लोग आने लगे। उन्होंने सैकड़ों सन्यासी और ब्रह्मचारी प्रशिक्षित किए। हजारों स्वाध्याय मंडल स्थापित किए। बहुत से सामाजिक सेवा के कार्य प्रारंभ किए। स्वामी ने उपनिषद, गीता और आदि शंकराचार्य के 35 से अधिक ग्रंथों पर व्याख्यायें लिखीं। गीता पर लिखा उनका भाष्य सर्वोत्तम माना जाता है। स्वामी चिन्मयानंद जी ने अपना भौतिक शरीर तीन अगस्त, 1993 को अमेरिका के सेन डियागो नगर में त्याग दिया।

    संत समाज करेगा श्रद्धासुमन अर्पित

    आश्रम की महाप्रबंधक मीना ने बताया कि कल स्वामी चिन्मयानंद जी को तपोवन चिन्मय आश्रम में याद किया जाएगा। संत समाज के स्वामी यहां पहुंच कर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

    चिन्मय आश्रम तपोवन में दी जा रही वेदांत दीक्षा, कोड कर रही जनजागरण

    चिन्मय आश्रम तपोवन में वेदांत दीक्षा दे रहा है और कोड के माध्यम से जनजागरण किया जा रहा है। कोड के माध्यम से चिन्मय तपोवन आश्रम व ट्रस्ट की ओर से महिला सशक्‍तीकरण व उन्‍हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न तरह के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। यही नहीं लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी विभिन्न ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ विभिन्न जनजागरण के काम कोड के माध्यम से किए जाते हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner