VIDEO: हिमाचल में मौसम मेहरबान, चंबा में भारी बारिश से उफान पर आए नाले से दुकान क्षतिग्रस्त, NH ठप
Heavy Rain In Chamba हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। जिला चंबा में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया। चंबा-पठानको ...और पढ़ें

चंबा, जागरण टीम। Heavy Rain In Chamba, हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। जिला चंबा में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया। चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चनेड में काली माता मंदिर के पास नाले में भारी मात्रा में पानी आने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। सुबह करीब 10 बजे एकाएक भारी बारिश हुई और नाले में उफान आ गया। इस कारण एक साथ में लगती दुकान को अपनी चपेट में ले लिया। लेकिन गनीमत रही कि जानी नुकसान नहीं हुआ है। भारी मात्रा में मलबा भी एनएच पर आ गया, इस कारण एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। कसाकड़ा मोहल्ला में भी एक पेड़ गिरने से कई लोग बाल-बाल बच गए।
मंडी जिला में भी भारी बारिश हुई है। कांगड़ा में भी बारिश हुई है। इंदौरा में बिजली गिरने से गुज्जर समुदाय के लोगों की सात भैंसे मर गईं। इसके अलावा कई जगह पेड़ गिरने से भी नुकसान हुआ है।
चंबा में मंगलवार को भारी बारिश होने से किसानों च बागवानों के चेहरों पर खुशी लौट आई है। साथ ही गर्मी से भी लोगों को भारी राहत मिली है। वहीं साहो क्षेत्र के जडेरा में भारी ओलावृष्टि हुई है। लिहाजा चंबा जिला में लंबे समय के बाद हुई बारिश से किसानों व बागवानों ने राहत की सांस ली है।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला में मंगलवार सुबह भारी बारिश हुई। इस कारण चनेड नाला उफान पर आने से चंबा-भरमौर एनएच ठप हो गया व एक दुकान को भी नुकसान हुआ है।#Chambanews @JagranNews @DainikHim @mygovhimachal #Himachalweather pic.twitter.com/wzYKuubZoX
— Rajesh Sharma (@sharmanews778) May 3, 2022
बता दें कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई की जानी है। उससे पहले जमीन में नमी का होना बेहद जरूरी होता है। जितनी अधिक बारिश होती है उतनी नमी जमीन में रहती है जो मक्की के बीजों को जल्द अंकुरित करने में सहायता करती है।
मक्की की बिजाई में हुई बीस दिन देरी
बता दें कि अप्रैल के दूसरेे सप्ताह में पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई का कार्य शुरू होती है। उससे पहले पहाड़ी इलाकों में किसान लोग अपनी जमीनों को तैयार करने में जुट जाते हैं और उसके लिए बारिश सबसे अधिक रोल अदा करता है, क्योंकि बिना बारिश के फसल को बीज पाना बेहद मुश्किल भरा होता है। पहाड़ी इलाकों में किसानों को प्राकृतिक रूप से निर्भर बारिश पर ही रहना पड़ता है, जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही खेती के लिए बेहतर मानी जाती है। इस बार बारिश ना होने से करीब बीस दिन में मक्की की बिजाई में देरी हुई है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।