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    हिमाचल में DSP व ASP रैंक के HPS अधिकारियों का खत्म नहीं हो रहा वनवास, इन 11 अफसरों की नहीं हुई पदोन्‍नति

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 28 May 2022 11:23 AM (IST)

    Himachal Pradesh Police News हिमाचल सरकार ने चुनावी वर्ष में अधिकतर वर्गों को राहत दी है। एक ऐसा वर्ग है जिसे सरकार की आंख कान और नाक समझा जाता है। इस वर्ग का वनवास खत्म नहीं हो रहा है।

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    हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा अधिकारी लंबे समय से पदा‍ेन्‍नति का इंतजार कर रहे हैं।

    शिमला, रमेश सिंगटा। Himachal Pradesh Police News, हिमाचल में भाजपा सरकार ने चुनावी वर्ष में अधिकतर वर्गों को राहत दी है। एक ऐसा वर्ग है, जिसे सरकार की आंख, कान और नाक समझा जाता है। सरकारी तंत्र का अहम हिस्सा और सरकार के सबसे करीब होने के बावजूद इस वर्ग का वनवास खत्म नहीं हो रहा है। बात हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवाएं (एचपीपीएस) काडर के अधिकारियों की हो रही है। काडर में आए 14 वर्ष की सेवाएं हो गई हैं लेकिन पदोन्नति की राह अब भी आसान नजर नहीं आ रही है। न तो डीएसपी से एडिशनल एसपी (एएसपी) बन पा रहे हैं और न ही एएसपी से एसपी।

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    इस रैंक के अधिकारियों को सरकार से वर्षों से पदोन्नति की आस है। सरकार पदोन्नति देती है तो इससे किसी भी प्रकार का आर्थिक भार नहीं पड़ेगा। तकनीकी शब्दों में यह पदोन्नति के बजाय प्लेसमेंट मानी जाती है लेकिन रैंक और रुतबा बढ़ जाता है। पदोन्नति न होने से इन अधिकारियों में रोष पनप रहा है। अखिल भारतीय सेवाओं जैसे आइएएस, आइपीएस व आइएफएस काडर में समयबद्ध पदोन्नति है। यहां समयबद्ध तरीके से पदोन्नति होती है लेकिन एचपीपीएस काडर में ऐसा नहीं है। इन अधिकारियों की लाबिंग दूसरे काडर जैसी नहीं है।

    डीजीपी कार्यालय ने भेजा प्रस्ताव

    डीजीपी कार्यालय ने काडर मजबूत करने और पदों में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जो गृह विभाग में लंबित पड़ा है। वहां से मामले को हरी झंडी नहीं मिल पाई है। प्रदेश में एचपीपीएस काडर में पदों की संख्या 189 है। इनमें सीधी भर्ती से आए अधिकारियों की संख्या 76 और प्रमोटी अधिकारियों के पद 113 हैं।

     

    14 वर्ष बाद भी पदोन्नति नहीं

    अभी डीएसपी रैंक में वर्ष 2009 बैच के दो अधिकारी डीएसपी रमेश शर्मा व मनोहर लाल भी एएसपी नहीं बन पाए हैं। पहले छह से आठ साल में पदोन्नति होती थी। अब पदोन्नति 14 वर्ष बाद भी नहीं हो रही है।

    ये हैं पदोन्नति से वंचित

    डीएसपी रैंक में पदोन्नति से वंचित रहने वाले अधिकारियों में दो अफसरों के अलावा 2011 बैच के प्रमोद चौहान, मनोज जोशी, संतोष कुमार, रतन सिंह, कुलदीप कुमार, अमित ठाकुर, 2012 बैच के प्रताप सिंह, अमित शर्मा, हेमंत कुमार, कुलविंद्र सिंह व 2013 बैच के विकास धीमान शामिल हैं।

    ये कर रहे इंतजार

    शिमला के एएसपी सुशील कुमार, होमगार्ड कमांडेंट कुल्लू निशांत नेगी, एएसपी विजिलेंस मुख्यालय पंकज शर्मा, चंबा के एएसपी विनोद कुमार, हमीरपुर के एएसपी विजय सकलानी, थर्ड आइआरबी पंडोह के एएसपी कुलभूषण वर्मा व टीटीआर के एएसपी भूपिंद्र नेगी अभी एसपी रैंक में आने का इंतजार कर रहे रहे हैं। इन्हें एक ही पद पर आठ वर्ष का समय हो गया है जबकि पहले चार साल में पदोन्नति हो जाती थी।

    संगठन के स्तर पर नहीं एकजुटता

    अनुशासनात्मक पुलिस फोर्स होने के कारण पदोन्नति से वंचित अधिकारी अपनी आवाज सरकार तक नहीं उठा पाते हैं। हालांकि पहले इनकी एसोसिएशन काफी सशक्त थी और कहीं न कहीं इसका असर भी होता था पर अब संगठन के स्तर पर एकजुटता नहीं है।