हिमाचल प्रदेश में खनन विंग बना उद्योग विभाग का हिस्सा, चार जोन बनाए, यह होगी नई व्यवस्था
Himachal Pradesh Mining Wing हिमाचल सरकार ने राज्य भू-विज्ञानी की पूरी शक्तियां उद्योग विभाग के निदेशक को दे दी हैं। खनन गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रदेश को चार जोन में विभाजित किया गया है। इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Mining Wing, हिमाचल सरकार ने राज्य भू-विज्ञानी की पूरी शक्तियां उद्योग विभाग के निदेशक को दे दी हैं। खनन गतिविधियों को संचालित करने के लिए प्रदेश को चार जोन में विभाजित किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह की स्वीकृति पर इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। इसके अनुसार अब खनन विंग अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले पाएगा। खनन संबंधी सभी तरह के निर्णय निदेशक की ओर से लिए जाएंगे। खनन विंग उद्योग विभाग का हिस्सा रहेगा।
यह होगी नई व्यवस्था
हिमाचल प्रदेश माइनर मिनरल, कंसेशन प्रीवेंशन आफ इलिगल माइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रूल्ज- 2015 के तहत नई व्यवस्था लागू की गई है। नए प्रविधान के मुताबिक राज्य भू-विज्ञानी अदालत से जुड़े मामलों को देखेंगे। चारों जोन के अधीन अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती अतिरिक्त निदेशक और संयुक्त निदेशक करेंगे, लेकिन इसके लिए निदेशक की स्वीकृति लेनी होगी।
ये काम करेंगे अधिकारी
खनन विंग के अधिकारियों व कर्मचारियों से क्या काम लेना है, इसे निदेशक देखेंगे। वन संरक्षण अधिनियम से जुड़े मामलों के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय होती रहेंगी। खनन से राजस्व बढ़ाने की जिम्मेदारी चारों जोन में तैनात किए खनन अधिकारियों, भू-विज्ञानियों पर रहेगी। राज्य में जियो तकनीकी अध्ययन, सड़कों की अलाइंमेंट, जल विद्युत परियोजनाओं से जुड़े तकनीकी मामलों की मंजूरी भू-विज्ञानी देंगे। प्रदेश में क्रशरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जोन में नियुक्त अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उनकी सिफारिश पर ही क्रशरों से जुड़ी स्वीकृतियां देंगे।
ये हैं चार जोन
- जोन एक: राज्य भू-विज्ञानी पुनीत कुमार गुलेरिया के साथ सहायक भू-विज्ञानी सुनील वर्मा चंबा, किन्नौर व शिमला जिलों को देखेंगे। इन दो अधिकारियों के पास मुख्य खनिज और सीमेंट उद्योगों की जिम्मेदारी भी रहेगी।
- जोन दो: भू-विज्ञानी संजीव कुमार शर्मा व अतुल शर्मा को जोन दो का दायित्व सौंपा गया है। जोन दो में ऊना, कांगड़ा व हमीरपुर जिलों को रखा गया है।
- जोन तीन: भू-विज्ञानी अनिल कुमार सिंह राणा व सुरेश भारद्वाज को सिरमौर, सोलन व बिलासपुर जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- जोन चार: भू-विज्ञानी गौरव शर्मा व सरित चंद्र मंडी, कुल्लू व लाहुल-स्पीति जिलों में खनन से जुड़ी गतिविधियों को देखेंगे।
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