कांगड़ा: स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्त चेतावनी, 2 साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की दवा न देने के निर्देष
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों के लिए खांसी की दवाओं के इस्तेमाल पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ड्रग इंस्पेक्टर प्यार चंद ठाकुर ने नूरपुर और इंदौरा के अस्पतालों को इन नियमों का पालन करने का आदेश दिया है। दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की दवा न देने की सलाह दी गई है।

संवाद सहयोगी, जसूर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बच्चों में खांसी की दवाओं के विवेकपूर्ण (रैशनल) उपयोग को लेकर एडवाइजरी जारी किया है। इस संदर्भ में नूरपुर में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर प्यार चंद ठाकुर ने नूरपुर व इंदौरा क्षेत्र के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों, पीएचसी, सीएचसी और मेडिकल संस्थानों में इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है, ताकि बाल रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि अगर कोई निजी क्लीनिक, आरएमपी इसको प्रयोग करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय की ओर से जारी इस परामर्श में स्पष्ट किया गया है कि दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवा नहीं दी जानी चाहिए।
पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए भी इन दवाओं का प्रयोग अत्यंत सावधानी और चिकित्सकीय देखरेख में ही किया जाना चाहिए। दवाओं की उचित मात्रा, कम अवधि और एक से अधिक दवाओं के संयोजन से बचने की सलाह दी गई है।
बच्चों के उपचार में सबसे पहले बिना दवा वाले उपाय जैसे पर्याप्त पानी पीना, आराम और सहायक देखभाल अपनाई जानी चाहिए। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि दवाएं गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जीएमपी) के तहत बनी हों।
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