हरतालिका तीज का व्रत मना रही सुहागिनें, इस मंत्र का करें अधिक से अधिक जाप, पूजा का यह है मुहूर्त
Hartalika Teej Vrat भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया आज है और सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज का व्रत मना रही हैं। हालांकि यह व्रत और इसकी पूजा करना बहुत ही कठिन माना जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति और परिवार की अच्छी सेहत की कामना करती हैं।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Hartalika Teej Vrat, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया आज है और सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज का व्रत मना रही हैं। हालांकि यह व्रत और इसकी पूजा करना बहुत ही कठिन माना जाता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति और परिवार की अच्छी सेहत की कामना करती हैं। शिव, पार्वती व गणेश की पूजा की जाती है।
हरतालिका तीज के पूजन सामग्री में शिव, पार्वती और श्रीगणेशजी की मिट्टी की मूर्ति, पीला वस्त्र, दही, शहद, दूध, धतूरा, शमी के पत्ते, केले का पत्ता, जनेऊ, सुपारी, रोली, कलश, बेलपत्र, दूर्वा, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, फुलहारा और 16 श्रृंगार का सामान मुख्य है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं सूर्योदय से पूर्व ही उठ कर, नहा कर पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा मिट्टी की स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इस दिन 'ॐ पार्वतीपतये नमः मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए।
यह बोले पंडित विशाल शर्मा
पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त मंगलवार को रखा जाएगा। साथ ही हस्त नक्षत्र 12 बजकर 01 मिनट रात्रि तक है। हरतालिका तीज पूजा के शुभ मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:33 से 12:24 तक। विजयी मुहूर्त दोपहर 02:05 से 02:56 तक। अमृत काल मुहूर्त शाम 05:38 से 07:17 तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 06:07 से 06:31 तक, साय: संध्या मुहूर्त : शाम 06:19 से 07:27 तक एवं निशिथ मुहूर्त रात्रि 11:36 से 12:21 तक का है।

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