पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने कांगड़ा के इंदौरा में मचाई तबाही, NDRF ने 800 से अधिक लोगों को किया रेस्क्यू
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण पोंग बांध से पानी छोड़ने की मात्रा बढ़ाई गई है जिससे फतेहपुर और इंदौरा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। इंदौरा की मंड सनौर और मंड घंड़रा पंचायतों में फंसे लगभग 15 लोगों को एनडीआरएफ की टीम ने बचाया जिनमें बच्चे महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे।
रमन कुमार, कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। पोंग बांध से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा लगातार बढ़ाई जा रही है, जिसके चलते फतेहपुर और इंदौरा क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
मंगलवार सुबह इंदौरा की मंड सनौर और मंड घंड़रा पंचायतों में कुछ लोग पानी में फंस गए। इस पर सनौर पंचायत के उपप्रधान जसविंदर चंदेल ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी।
सूचना मिलते ही ठाकुरद्वारा उप-तहसील के नायब तहसीलदार जयचंद ठाकुर की अगुवाई में प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। यहां एनडीआरएफ की टीम ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और मंड सनौर पंचायत के लगभग 15 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इनमें तीन बच्चे, चार महिलाएं, बुजुर्ग और पुरुष शामिल थे। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया।
हालांकि प्रशासन लगातार लोगों को खतरे वाले क्षेत्रों से बाहर निकलने की अपील कर रहा है, लेकिन चोरी के डर से कई ग्रामीण अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि राहत एवं बचाव दलों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उधर, बीबीएमबी प्रबंधन ने जानकारी दी है कि बुधवार 28 अगस्त को बांध से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा और बढ़ाई जाएगी। प्रबंधन के मुताबिक दोपहर 2:00 बजे तक व्यास नदी में करीब 1,10,000 क्यूसिक पानी छोड़ा जाएगा। फिलहाल पोंग बांध से लगभग 95,000 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है।
एसडीएम इंदौरा ने बताया कि प्रशासन पूरी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। एनडीआरएफ और प्रशासनिक टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मंड क्षेत्र में जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें भी जल्द ही सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया जाएगा, ताकि किसी तरह की जानमाल की हानि न हो।
इंदौरा प्रशासन ने राहत शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने और रहने की उचित व्यवस्था की है। साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और खतरे वाले इलाकों को तुरंत खाली करें।
लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आने वाले समय में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। एसडीएम इंदौरा सुरिंदर ठाकुर ने बताया कि अभी तक इंदौरा में लगभग 23 करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है l
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