हिमाचल प्रदेश के कालेज शिक्षक जाएंगे भूख हड़ताल पर, वर्चुअल बैठक कर बनाई रणनीति
Himachal Pradesh Employees News हिमाचल प्रदेश कालेज टीचर एसोसिएशन राज्य कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में प्रदेश के सभी महाविद्यालयों से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह बैठक सातवें यूजीसी वेतनमान लागू करने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गई थी।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Employees News, हिमाचल प्रदेश कालेज टीचर एसोसिएशन राज्य कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में प्रदेश के सभी महाविद्यालयों से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह बैठक सातवें यूजीसी वेतनमान लागू करने के लिए महाविद्यालय के शिक्षकों के चल रहे संघर्ष की भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गई थी। 12 मई से यूजी परीक्षा के मूल्यांकन का पहले ही बहिष्कार कर दिया है और इस मामले को हल करने के लिए मुख्य सचिव को सात दिन का नोटिस दिया है। सरकार को दी गई नोटिस की अवधि इस महीने की 19 तारीख को समाप्त हो गई है, लेकिन कोई संचार नहीं है ऐसा लगता है कि सरकार को छात्रों के भविष्य और कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों के वास्तविक मुद्दों की चिंता नहीं है।
यह शिक्षकों और छात्रों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को दर्शाता है। यह प्रासंगिक है कि पिछले चार वर्षों से कॉलेज के शिक्षकों के एक भी मुद्दे को संबोधित नहीं किया जा रहा है, जबकि एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को सरकार से बार-बार अनुरोध और प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। वेतनमान के मुद्दे के अलावा अन्य मुद्दों जैसे प्राचार्यों की डीपीसी, कॉलेज शिक्षकों के लिए एमफिल पीएचडी वेतन वृद्धि और कॉलेजों में सीएएस के तहत प्रोफेसरों के पद और यूजीसी मानदंडों के अनुसार अनुबंध शिक्षकों को राष्ट्रीय लाभ ये सभी मुद्दे लंबित हैं।
विभाग में और इन्हें शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के बीच उछाला जा रहा है। हमें हर जगह बेवकूफ बनाया जा रहा है और शिक्षक ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। आनलाइन बैठक में सभी शिक्षकों ने अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार के उदासीन रवैये पर रोष प्रकट किया।
बैठक में संकल्प लिया गया कि एसोसिएशन मूक-बधिर सरकारी तंत्र की आंख-कान खोलने के लिए अपने संघर्ष को तेज करें। यह संकल्प लिया गया कि यूजीसी के सातवें वेतनमान के लागू होने तक मूल्यांकन यूजी परीक्षाओं का बहिष्कार जारी रखना चाहिए। बैठक में यह भी संकल्प लिया गया कि अपने संघर्ष के पहले चरण में हम इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी दिखाने के लिए शांतिपूर्ण और सभ्य प्रक्रिया का पालन करेंगे। संघ के सभी सदस्य 23 मई को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे। सभी सदस्य कॉलेज में पूरे दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
यह भी निर्णय लिया गया कि 24 मई से सभी शिक्षक दोपहर 12.30 से 1.30 बजे के दौरान सभी कॉलेजों में एक घंटे का धरना करेंगे और इस दौरान गेट मीटिंग भी बुलाई जाएगी। अन्य चरण में यदि समस्या अनसुलझी बनी रही तो 30 मई से भूख हड़ताल की जाएगी। बड़े कालेजों में कम से कम तीन से पांच व्यक्ति भूख हड़ताल करेंगे और छोटे कालेजों में एक से तीन व्यक्ति इसका पालन करेंगे। उसके बाद रणनीति की समीक्षा की जाएगी और सभी सदस्यों द्वारा बड़े मार्च से शिमला (संप्रदाय) का पालन किया जाएगा।
सरकार से हमारा अनुरोध है कि शिक्षण बिरादरी और छात्रों के भविष्य के बड़े हित में हमारे मुद्दों को हल किया जाए। हमें अपने वास्तविक अधिकारों के लिए अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। हम कभी भी सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार द्वारा हमें ठीक से हमें विश्वास में नहीं रखा गया है।
यह हिमाचल राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की ओर से दिया गया संयुक्त बयान है। बैठक में सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। डाक्टर धर्मवीर सिंह अध्यक्ष, डॉ. आरएल शर्मा महासचिव, डॉ. संजय जसरोटिया वरिष्ठ उपाध्यक्ष, डाक्टर ओपी ठाकुर उपाध्यक्ष,संयुक्त सचिव डाक्टर सतीश और अनीत शर्मा भी शामिल हुए।
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