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    देशभर की मंडियों में महका हिमाचली सेब, करीब डेढ़ करोड़ पेटी पहुंची बाजार में, अधिक उत्पादन होने के आसार

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2022 07:59 AM (IST)

    Himachal Pradesh Apple Season हिमाचल का सुर्ख लाल सेब देश भर की मंडियों में छाया हुआ है। हालांकि बागवान बाग-बाग नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह दाम में उछाल न आना रहा है। पिछले साल की तुलना में सेब उत्पादन की लागत बढ़ गई है

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    हिमाचल का सुर्ख लाल सेब देश भर की मंडियों में छाया हुआ है।

    शिमला, रमेश सिंगटा। Himachal Pradesh Apple Season, हिमाचल का सुर्ख लाल सेब देश भर की मंडियों में छाया हुआ है। हालांकि बागवान बाग-बाग नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह दाम में उछाल न आना रहा है। पिछले साल की तुलना में सेब उत्पादन की लागत बढ़ गई है, लेकिन उस दृष्टि से दाम नहीं बढ़े हैं। इस बार सेब की एक पेटी का औसतन दाम 1250 रुपये मिला है। कोई लाट अधिक बिका तो कोई कम दाम में भी बिका है। एक पेटी में 20 से 25 किलो तक सेब होता है। अब तक एक करोड़ 40 लाख पेटी बाजार में पहुंच चुकी है। इससे उम्मीद है कि पिछले वर्ष से उत्पादन अधिक होगा। पिछले साल तीन करोड़ 46 लाख पेटी का उत्पादन हुआ था। इनमें वह पेटी भी शामिल थी, जिसे वातानुकूलित स्टोर में रखा गया था।

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    वहीं मंडी मध्यस्थता योजना (एमआइएस) के तहत 18006 टन सेब की खरीद हुई है। यह सी ग्रेड का यानी कम गुणवत्ता का सेब होता है। इसके लिए दो सरकारी एजेंसी एचपीएमसी और हिमफैड अधिकृत हैं।

    देखिए आंकड़े

    • प्रदेश की मंडियों में बिका सेब- 7084289 पेटी
    • मंडियों से बाहर बिका सेब- 6979800 पेटी
    • कुल 14064089 पेटी

    एमआइएस के तहत कितनी खरीद

    • एचपीएमसी- 10646.055 टन
    • हिमफैड- 7359.975 टन
    • कुल 18006 टन

    क्‍या कहते हैं निदेशक

    बागवानी विभाग के निदशेक डाक्‍टर आरके परूथी का कहना है हिमाचल से अभी तक एक करोड़ 40 लाख 64 हजार पेटी बाजार तक पहुंचा है। सेब सीजन चले करीब डेढ़ माह हो गया है। विभाग बागवानों के हितों पर कोई आंच नहीं आने दे रहा है। बागवानों की कई प्रमुख मांगों को सरकार के माध्यम से सुलझाया गया है।

    आर्थिकी संकट में : चौहान

    संयुक्‍त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है। दवाओं से लेकर कार्टन, ट्रे, खाद सब महंगा हो गया। बावजूद इसके सेब के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। साढ़े पांच हजार करोड़ की आर्थिकी संकट में है। सरकार ने कुछ मांगों को माना भी, लेकिन सही तरीके से लागू नहीं किया है। कई मांगें अभी भी नहीं मानी जा रही हैं। एमआइएस जम्मू कश्मीर की तर्ज पर हो।

    जयराम सरकार ने बढ़ाए सी ग्रेड सेब के दाम : बरागटा

    बागवान एवं भाजपा नेता चेतन बरागटा का कहना है मौजूदा सरकार बागवान हितैषी है। कई लोगों का राजनीतिक हित है, इसलिए आंदोलन का नाम लेते हैं। सी ग्रेड के सेब के दाम जितने जयराम सरकार ने बढ़ाए हैं, उतने पहले किसी भी सरकार ने नहीं बढ़ाए है। एमआइएस योजना जम्मू कश्मीर में अब लागू नहीं है।

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