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    ओलंपिक में गोल्‍ड जीतने पर हिमाचल सरकार देगी तीन करोड़, हर विभाग में तीन फीसद खेल कोटा : पठानिया

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 18 Jan 2022 01:59 PM (IST)

    Himachal Sports Policy खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा समर विंटर व पैरा ओलंपिक्स में गोल्ड जीतने वाले को तीन करोड़ रुपये मिलेंगे। प्रथम व द्वितीय श्रेणी में हरेक विभाग में तीन प्रतिशत खेल कोटा निर्धारित होगा। जिला स्तर पर पचास-पचास लड़के व लड़कियों के लिए खेल अकादमी बनेगी।

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    वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा ओलंपिक्स में गोल्ड जीतने वाले को तीन करोड़ रुपये मिलेंगे।

    धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal Sports Policy, वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा समर, विंटर व पैरा ओलंपिक्स में गोल्ड जीतने वाले को तीन करोड़ रुपये मिलेंगे। प्रथम व द्वितीय श्रेणी में हरेक विभाग में तीन प्रतिशत खेल कोटा निर्धारित होगा। जिला स्तर पर पचास-पचास लड़के व लड़कियों के लिए खेल अकादमी बनेगी। पठानिया यहां हिमाचल प्रदेश स्वर्णिम जयंती खेल नीति 2021 के बारे में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ओलंपिक क्वालिफाई करने वाले खिलाड़ी को विशेष सहायता मिलेगी।

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    पठानिया ने कहा खेल में हर फैक्टर को छूने की जरूरत थी। अभी हिमाचल में प्रतिस्पर्धा कम है। मुख्य रूप से लड़कियों में खो-खो, कबड्डी, वालीबाल ही खेला जा रहा है। स्‍पोर्ट्स हास्टल की बड़ी कमी है। स्कूलों में खेल का अभाव दिखता है। एथलेटिक्स, बाक्सिंग और जूडो में बहुत कम बच्चे हैं। खेल में युवाओं का भविष्य बने इसके लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है। अब सरकार, शिक्षा, पंचायती राज, स्पोर्ट्स काउंसिल, यूथ क्लब, अभिभावक भी शामिल होंगे। हमनें पंचायतों के माध्यम से खेल मैदान बनाए। वन विभाग के माध्यम से भी मैदान बनेंगे। इसमें वन विभाग की भूमि में फेंसिंग करवाकर मैदान तैयार किए जाएंगे।

    पदक में विजेताओं को तीन फीसद कोटा हर विभाग को देना होगा। सर्टिफिकेट कोर्स सेंटर शुरू किए जाएंगे। प्रदेश में तीन शुरू होंगे। समर ओलंपिक गोल्‍ड मेडल विजेता को तीन करोड़, रजत दो करोड़ व कांस्य को एक करोड़ सरकार देगी। पहली मार्च से खेल महाकुंभ शुरू होगा। पंचायत स्तर से शुरू होगा। उसके बाद संसदीय स्तर की होगी फिर प्रदेश स्तर पर आयोजन होगा। इसके तहत महाकुंभ को लेकर सेंटर शुरू होंगे।

    उन्होंने कहा कि साइना नेहवाल के प्रोजेक्ट को अभी स्वीकार नहीं किया जा रहा, क्योंकि वो चाहते हैं निर्माण से पहले सारी औपचारिकताएं पूरी हो जाएं। इसमें प्रदेश के खिलाड़ियों को कितना लाभ मिल पाएगा, इन सब बातों को लेकर अभी तक सरकार के साथ चर्चा होनी है।