हिमाचल में जल क्रीड़ा को लेकर कड़े होंगे नियम, नशा करके व भारी पहनावे के साथ नहीं मिलेगी अनुमति
हिमाचल प्रदेश में जल क्रीड़ाओं व इससे संबंधित गतिविधियों जैसे नौका विहार शिकारा यानी हाउस बोट के लिए अब सरकार ने नियम तैयार किए हैं।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में जल क्रीड़ाओं व इससे संबंधित गतिविधियों जैसे नौका विहार, शिकारा यानी हाउस बोट के लिए अब सरकार ने नियम तैयार किए हैं। नियमों के प्रारूप को अधिसूचित किया गया है। इसकी अधिसूचना मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी की ओर से जारी हुई है। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग ने 15 दिन में सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। एक माह के बाद प्रारूप को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सहभागियों को भारी पहनावे की इजाजत नहीं होगी। महिलाएं साड़ी पहनकर क्रीड़ा नहीं कर सकेंगी। लंबे घाघरे नहीं पहन सकेंगी। शराब पीकर, मादक द्रव्य पदार्थों का सेवन करने वालों को भी इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। हृदय रोगी, मिरगी, फैफड़ों के विकार वाले लोगों को भी इस क्रीड़ा खेलने की अनुमति नहीं देगी।
तकनीकी कमेटी में ये होंगे शामिल
एसडीएम अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा डीएसपी, पर्वतारोहण संस्थान मनाली, डीएफओ, बीएमओ, सहायक निदेशक मत्सय, एसडीओ लोक निर्माण विभाग, जल प्रोजेक्ट प्राधिकरण प्रतिनिधि, कमांडेंट होमगार्ड, प्रभारी जल क्रीड़ा केंद्र को सदस्य बनाया गया है। उप निदेशक पर्यटन सदस्य सचिव होंगे।
विनियामक कमेटी
उपायुक्त अध्यक्ष व उप निदेशक पर्यटन सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा एसपी, पर्वतारोहण संस्थान, कंजरवेटर, कमांडेंट होमगार्ड, सीएमओ, एसडीओ, सहायक निदेशक मत्सय व जल क्रीड़ा संगम अध्यक्ष को सदस्य बनाया गया है।
कब कर सकेंगे आवेदन
ऐसी क्रीड़ाओं के लिए कभी भी आवेदन किए जा सकेंगे। लेकिन इन पर विचार जनवरी-फरवरी और जुलाई-अगस्त में होगा। आवेदन के लिए दो हजार का शुल्क चुकाना होगा। ऑपरेटर को तीन साल का लाइसेंस मिलेगा। इसके लिए पचास हजार सिक्योरिटी बांड देना होगा।
कहां होगी क्रीड़ा
महाराणा प्रताप सागर पौंग बांध, गोङ्क्षवद सागर झील लारजी परियोजना, जलाशय कोल बांध परियोजना, बांध जलाशय चमेरा वन, टू और थ्री, नाथपा बांध जलाशय।
नदियां : राज्य क्षेत्र में बहने वाली सतलुज, ब्याज, रावी, यमुना, गिरी, पब्बर, बास्पा, स्पीति, चंद्रभागा
झीलें : प्राकृतिक झील रेणुका, जिला सिरमौर
जलक्रीड़ा : वेक बोर्डिंग, वाटर स्कीइंग, स्काई बोर्डिंग, वाटर स्कूटर आदि।
संबंधित क्रियाकलाप : देसी नौका विहार, विद्युत, गति, इंजन चालित शिकारा, नौका विहार आदि।