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    JOA IT के शेष पदों को 2020 के संशोधित नियमों से भरेगी हिमाचल सरकार, जानें पूरा मामला

    By Virender KumarEdited By:
    Updated: Fri, 17 Jun 2022 09:32 PM (IST)

    JOA IT Job हिमाचल सरकार ने जूनियर आफिस असिस्टेंट (Junior Office Assistant JOA) IT पोस्ट कोड 817 के तहत विज्ञापित कुल पदों में से 560 की कटौती कर बाकी पद वर्ष 2020 में संशोधित नियमों के अनुसार भरने का निर्णय लिया है। यह जानकारी सरकार ने हाईकोर्ट को दी ।

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    JOA IT के शेष पदों को 2020 के संशोधित नियमों से भरेगी हिमाचल सरकार। प्रतीकात्‍मक

    शिमला, विधि संवाददाता। JOA IT Job, हिमाचल सरकार ने जूनियर आफिस असिस्टेंट (Junior Office Assistant, JOA) IT पोस्ट कोड 817 के तहत विज्ञापित कुल पदों में से 560 की कटौती कर बाकी पद वर्ष 2020 में संशोधित नियमों के अनुसार भरने का निर्णय लिया है। यह जानकारी प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट को दी गई है।

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    हाईकोर्ट ने 31 दिसंबर, 2021 को जूनियर आफिस असिस्टेंट की भर्ती को लेकर दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए कर्मचारी चयन आयोग को आदेश दिया था कि वह पोस्ट कोड 556 के विज्ञापन के तहत घोषित सभी पदों को पोस्ट कोड 447 के तहत की गई भर्ती के अनुसार करे व मेरिट लिस्ट दोबारा तैयार करे। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने पोस्ट कोड 817 में शामिल किए गए पोस्ट कोड 556 के बचे हुए पद हटाने काआदेश भी दिया था।

    मामले के अनुसार 2020 में सरकार ने जेओए के भर्ती नियमों में संशोधन किया और 21 सितंबर, 2020 में पोस्ट कोड 817 के तहत जेओए के पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। इसमें विज्ञापित कुल पदों में पोस्ट कोड 556 के बचे हुए 560 पद भी शामिल कर लिए गए थे। इस भर्ती को कुछ अभ्यर्थियों ने अदालत में यह कहते हुए चुनौती दी कि सरकार की ओर से किया संशोधन सही नहीं है और यह पद 2014 के नियमों के अनुसार ही भरे जाएं। कोर्ट ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए पोस्ट कोड 447 के तहत भरे गए पदों को जायज ठहराया और पोस्ट कोड 556 के बचे हुए 560 पद उसी तरह भरने के आदेश दिए, जिस तरह पोस्ट कोड 447 के पद भरे गए थे, जबकि पोस्ट कोड के 817 के तहत विज्ञापित पदों को वर्ष 2020 के तहत बने नियमों के अनुसार ही करने के आदेश दिए। इस तरह पोस्ट कोड 556 के तहत बचे 560 पद पुराने अभ्यर्थियों में से ही भरने के आदेश के कारण अब पोस्ट कोड 817 के तहत विज्ञापित कुल पदों में 560 पदों की कटौती हो गई। कुछ अभ्यर्थियों ने आदेश का पालन न होने के कारण अवमानना याचिकाएं दायर की थी। सरकार ने इन याचिकाओं में दिए जवाब में कहा था कि वह हाईकोर्ट के पोस्ट कोड 817 के तहत विज्ञापित पदों में कटौती वाले आदेशानुसार भर्ती करने को तैयार है।

    रिटेंशन पालिसी रद करने के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका खारिज

    प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार की रिटेंशन पालिसी को रद करने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट की ओर से पारित फैसला बिल्कुल तथ्यों पर आधारित व कानूनन सही है और इस कारण इसमें पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है।

    प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार की अवैध निर्माण को वैध करने के लिए बनाई रिटेंशन पालिसी को रद कर दिया था। सरकार ने रिटेंशन पालिसी के लिए टीसीपी एक्ट में संशोधन किया था, जिसे अधिवक्ता अभिमन्यु राठौर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की इस पालिसी को अवैध बताते हुए रद कर दिया था। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी।

    HIMFED पेट्रोल पंप में गबन के आरोपितों की जमानत याचिका खारिज

    प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जिला उपमंडल ठियोग में जगेड़ी हिमफेड पेट्रोल पंप पर करीब एक करोड़ 30 लाख रुपये के घोटाले में नामजद आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। पंप पर मार्केङ्क्षटग मैनेजर के पद पर तैनात मूलराज और क्लर्क सुनील कुमार ने हाईकोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी।

    न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। ठियोग में पहले एकमात्र पंप हुआ करता था, जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। करीब तीन साल पहले हिमफेड ने जगेड़ी के पास पंप का निर्माण किया और लोगों को इसकी सुविधा मिलने लगी। शहर से बाहर होने के कारण पंप पर ईंधन भरवाने वालों की भीड़ भी उमडऩे लगी। हालांकि यह पंप कई दिन से सप्ताह में एक से दो बार बंद भी रहा, जब यहां तैनात कर्मियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गाड़ी नहीं आई, लेकिन उस समय पंप की विभागीय जांच चल रही थी। हिमफेड के एरिया इंचार्ज ने तीन माह की खाता पड़ताल में पाया है कि 1.30 करोड़ रुपये का गबन हुआ है।