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Himachal Farmers: हिमाचल में किसानों के लिए कहर बनकर बरस रहे ओले, गेहूं-जौ समेत आलू की फसल बर्बाद

Himachal Farmers हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी और ओलों की मार से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर से किसानों को। मौजूदा समय में कृषकों के खेतों में पड़ रहे ओले न केवल उनकी फसल बर्बाद कर रहे। बल्कि आने वाली महंगाई की ओर भी इशारा कर रहे हैं। ओलों से न केवल गेहूं या जौ बल्कि आलू भी प्रभावित हैं।

By dinesh katoch Edited By: Prince Sharma Tue, 23 Apr 2024 04:19 PM (IST)
Himachal Farmers: हिमाचल में किसानों के लिए कहर बनकर बरस रहे ओले, गेहूं-जौ समेत आलू की फसल बर्बाद
Himachal Farmers: हिमाचल में किसानों के लिए कहर बनकर बरस रहे ओले

संवाद सहयोगी, बरोट। Himachal Pradesh News: मौसम के बिगड़ैल तेवरों ने चौहार घाटी के कई गांवों में नुकसान पहुंचाया है। यहां सोमवार रात्रि लटराण पंचायत, वरधान पंचायत के वोचिंग, वरधान व कल्होग आदि गांवों में भारी बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई।

इस कारण इन गांवों के किसानों की खेतों में खड़ी जौ, गेहूं ,लुहसन, प्याज और धनिया आदि सहित हाल ही में बिजी गई नगदी आलू की 60 से 80 फीसद फसल बर्वाद हो गई है।

वरधान पंचायत के प्रधान अनिल कुमार, पूर्व बीडीसी सदस्य सुरिन्द्र कुमार, संजय कुमार, नंद लाल, राजिंद्र कुमार, जय सिंह, धर्म दास, भाग सिंह आदि

ओलावृष्टि से घरों की छतों पर भी पहुंचा नुकसान

किसानों व बागवानों ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में इन सभी फसलों को बीज रखा है मगर ओला वृष्टि ने इन सभी फसलों को बर्वाद कर दिया है। इसके साथ-साथ इस ओलावृष्टि ने कई घरों की छतों को नुकसान पहुंचाया है।

इन किसानों का कहना है कि उनकी गेहूं की फसल लगभग तैयार हो गई हो गई थी और लगभग एक माह बाद इसकी कटाई भी कर दी जानी थी मगर यहां पर हुई भारी ओलावृष्टि से यह फसल भी बर्वाद हो चुकी है ।इस ओलावृष्टि से बागवानों द्वारा तैयार की गई नगदी फसल भी तबाह हो गई हैं।

फलदार पौधों की फ्लावरिंग को भी पहुंच रहा नुकसान

इन दिनों घाटियों में सेब ,प्लम, नाशपाती, आड़ू, खुमानी आदि सहित अन्य फलदार पौधों की फ्लावरिंग को भी नुकसान पहुंचा है।

इन किसानों व बागवानों ने कृषि व उद्यान विभाग से आग्रह किया है कि वे घाटी का दौरा कर प्रभावित किसानों व बागवानों को नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए।

यहां पर इतनी जमकर ओला वृष्टि हुई कि पलभर में सारी धरती सफेद चादर से ढक गई। इस ओलावृष्टि तथा बारिश से चौहारघाटी तथा छोटा भंगाल घाटी में प्रचंड ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है ।

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