Himachal By Elections: मंडी संसदीय क्षेत्र के दुर्गम इलाकों में जीत ढूंढ रही कांग्रेस, पारंपरिक वोट बैंक पर नजर
Himachal By Elections मंडी के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में जीत ढूंढ रही है। पिछले तीन चुनाव के आंकड़े भले ही कांग्रेस के पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस अगर यहां अपने पारंपरिक वोट बैंक को दोबारा सहेजने में सफल रही तो रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।
मंडी, हंसराज सैनी। Himachal By Elections, संसदीय क्षेत्र मंडी के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में जीत ढूंढ रही है। पिछले तीन चुनाव के आंकड़े भले ही कांग्रेस के पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस अगर यहां अपने पारंपरिक वोट बैंक को दोबारा सहेजने में सफल रही तो रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। यही वजह है कि कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह व उनके बेटे शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने खुद दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में मोर्चा संभाल रखा है।
मंडी संसदीय क्षेत्र में छह जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। लाहुल-स्पीति, भरमौर व किन्नौर तीन जनजातीय क्षेत्र हैं। रामपुर, बंजार, आनी, करसोग दुर्गम क्षेत्र हैं। कभी ये हलके कांग्रेस का गढ़ हुआ करते थे। हर चुनाव में कांग्रेस को यहां भारी बढ़त मिलती थी, लेकिन 2014 के बाद राजनीतिक समीकरण बिगड़े हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी।
वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे। 2013 के उपचुनाव में 1.39 लाख मतों से जीत हासिल करने वाली प्रतिभा सिंह को कांग्रेस ने इस उम्मीद के साथ दोबारा मैदान में उतरा था कि फिर जीत हासिल करेंगी। यह संसदीय क्षेत्र वीरभद्र सिंह व उनके परिवार की 1971 से कर्मभूमि रही है। सभी यही उम्मीद लगाए बैठे थे कि नतीजा उपचुनाव जैसा ही होगा। इसी उम्मीद में कांग्रेस के हवा में उड़ती रही।
वीरभद्र सिंह व विक्रमादित्य सिंह ने हमीरपुर में डेरा डाल रखा। यहां प्रचार के लिए समय नहीं दिया। मोदी लहर व कांग्रेस की इसी कमजोरी का फायदा उठा भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने प्रतिभा सिंह को 39,000 से अधिक मतों से शिकस्त देकर राजनीतिक पंडितों के दावों को झुठला दिया था।
2014 ही हार से सबक सीख कांग्रेस अब हवा में उडऩे के बजाय धरातल में प्रचार में लगी हुई है। महंगाई, बेरोजगारी, फोरलेन व किसानों से संबंधित मुद्दों को जमकर भुनाया जा रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की झोली में इस संसदीय क्षेत्र की मात्र तीन कुल्लू, किन्नौर व रामपुर सीट आई।
संसदीय क्षेत्र के वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी, ठाकुर सिंह भरमौरी, मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा में शामिल होकर अनिल शर्मा ने अपनी हार होने से बचा ली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां एक भी हलके में बढ़त नहीं मिली थी।