Himachal Beas River: पौंग बांध से पानी छोड़ने पर बढ़ा ब्यास नदी का जलस्तर, NDRF ने 55 लोगों को किया रेस्क्यू
Himachal Flood आपदा प्रबंधन को लेकर लोक निर्माण विभाग जल शक्ति विभाग वन विभाग के अधिकारियों तथा आपदा प्रबंधन की दल फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय हैं। उपायुक्त ने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जेसीबी तथा आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि मार्गों के अवरूद्व होने की स्थिति में तुरंत प्रभाव से खुलवाया जा सके।

कांगड़ा/शिमला, जागरण टीम। पौंग बांध से पानी छोड़ने के कारण सोमवार को मंड, मियाणी, घंडरा क्षेत्रों में पानी लोगों के घरों तक आ गया। ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण इन क्षेत्रों में 62 लोग फंस गए। जिसकी सूचना प्रशासन को देर रात को मिली। रात भी रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी 62 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार रात्रि नौ बजे के करीब ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण घंडारा तथा म्यानी में 55 के करीब लोगों के फंसे होने की सूचना जिला कंट्रोल रूम में प्राप्त हुई। जिस पर प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया गया तथा एनडीआरएफ को भी सूचित कर दिया गया।
एनडीआरएफ की ओर से रात करीब साढ़े दस बजे रेस्क्यू ऑपरेशन आरंभ किया गया तथा यह रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह पांच बजे तक चला जिसमें सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीं, दूसरी ओर उपमंडल फतेहपुर के तहत मंड के मंड बहादपुर में गुज्जर समुदाय के 7 लोगों के पानी फंसे होने की सचूना मिली।
इन लोगों के साथ उनके पशु भी थे। एसडीएम फतेहपुर के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम ने रात को पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। इसके अलावा अन्य दो लोगों को उनके पशुओं के साथ सुरक्षित स्थान पर रखा है। रेस्क्यू किए गए लोगों में रासीद, लतीफ, गुड्डी, बेगोरी व सुषमा शामिल हैं।
नदी-नालों और खड्डों के पास न जाएं लोग
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग जलाशय के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं।
उन्होंने कहा कि पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही।
आपदा प्रबंधन को लेकर सतर्क जिला प्रशासन
आपदा प्रबंधन को लेकर लोक निर्माण विभाग जल शक्ति विभाग वन विभाग के अधिकारियों तथा आपदा प्रबंधन की दल फील्ड में पूरी तरह से सक्रिय हैं। उपायुक्त ने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जेसीबी तथा आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं ताकि मार्गों के अवरूद्व होने की स्थिति में तुरंत प्रभाव से खुलवाया जा सके।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं भारी बारिश से किसी भी स्तर पर जान माल का नुकसान होने पर फौरी राहत प्रभावित व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से मुहैया करवाएं तथा तथा पुनर्वास के लिए भी कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा ना हो।
आपात स्थिति में करें संपर्क
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और डर पैदा करने वाली ऐसी किसी बात को बिना उसकी सत्यता जाने आगे साझा न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।