HP High Court: हाईकोर्ट ने स्थगित की इस भाजपा प्रत्याशी की तीन साल की सजा, अब भर सकेंगी नामांकन
HP High Court चंबा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र को भरने का रास्ता साफ हो गया है। प्रार्थी के खिलाफ यह आरोप था कि उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से दस्तावेजों में गलत एंट्री डालकर गलत लोगों को धन हस्तांतरित कर दिया।

शिमला, विधि संवाददाता। HP High Court, हिमाचल प्रदेश के चंबा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी इंदिरा कपूर के नामांकन पत्र को भरने का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने विशेष जज चंबा की अदालत द्वारा उसे भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी ठहराए जाने पर स्थगन आदेश पारित कर दिए। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने इंदिरा कपूर की ओर से दायर आवेदन पर उपरोक्त आदेश पारित किए।
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 24 अक्टूबर, 2013 को प्रार्थी व सह आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 3(2) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। विशेष जज चंबा की अदालत के समक्ष आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया गया। प्रार्थी के खिलाफ यह आरोप था कि वह जब वार्ड साच जिला परिषद की सदस्य थी तो राज्य सरकार की ओर से काफी ग्रांट व फंड विकास कार्यों के लिए हस्तांतरित किया गया था।
यह था आरोप
प्रार्थी व सह आरोपितों के खिलाफ यह आरोप था कि उन्होंने सरकारी धन का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से दस्तावेजों में गलत एंट्री डालकर गलत लोगों को धन हस्तांतरित कर दिया। सात अगस्त, 2021 को स्पेशल जज चंबा ने प्रार्थी व अन्य सह आरोपितों को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 467 468 व 471 के तहत तीन तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई, जबकि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। विशेष जज चंबा की अदालत की ओर से पारित फैसले को अपील के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई। 24 अगस्त, 2021 को प्रार्थी की सजा को निलंबित कर दिया था क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रार्थी को चंबा विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट आवंटित किया गया है तो इस स्थिति में प्रार्थी को दोषी ठहराने के फैसले पर स्थगन आदेश पारित किया जाना अति आवश्यक था क्योंकि तीन वर्ष के कारावास की सजा के चलते वह नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए पात्रता नहीं रखती पाती। प्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले से जुड़े तथ्यों व रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि प्रथम दृष्टया स्पेशल जज चंबा की अदालत की ओर से पारित फैसले पर स्थगन आदेश पारित किए जा सकते हैं। प्रदेश हाईकोर्ट में उपरोक्त दोष साबित होने पर स्थगन आदेश पारित कर दिए, जिससे प्रार्थी के विधानसभा क्षेत्र चंबा के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करने का रास्ता साफ हो गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।