गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की अराधना का मिलता है लाखों गुणा अधिक फल, इस तरह करें पूजा, ज्वालामुखी में विशेष आयोजन
Gupta Navratri 2022 विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ जवालामुखी में बुधवार से गुप्त नवरात्रों शुरू हो गए हैं। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई मां ब्रह्मचार ...और पढ़ें

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। Gupta Navratri 2022, विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ जवालामुखी में बुधवार से गुप्त नवरात्रों शुरू हो गए हैं। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की गई, मां ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी,तथा अंतिम दिन सिद्धिरात्रि की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रों का विशेष महत्व रहता है। इन दिनों में की गई मां की आराधना का लाखों गुणा अधिक फल मिलता है। गुप्त नवरात्र इसलिए भी विशेष हैं, क्योंकि इनमें मां का प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है। इन नवरात्र के बाद कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन ज्वालामुखी माता के मूर्ति रूप का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। ज्वालामुखी मंदिर में 100 के ब्राह्मण गुप्त नवरात्रों के उपलक्ष्य में विशेष पूजा के लिए बैठे हैं।
माता श्री ज्वालामुखी मंदिर में मार्च अप्रैल में चैत्र नवरात्र का आयोजन होता है। जुलाई अगस्त में श्रावण अष्टमी मेले जबकि अश्वनी नवरात्र सितंबर अक्टूबर में मनाए जाते हैं। गुप्त नवरात्र फरवरी व जून में मनाए जाते हैं। इन नवरात्र में माता के गर्व गृह में विद्यमान सात पवित्र ज्योतियों जिनमें जवाल, महाकाली, चंडी, बिंदयवासिन, हिंगलाज, अन्नपूर्णा, महालक्ष्मी, महासरस्वती की विशेष पूजा होती है।
ज्वालामुखी माता मंदिर अकेला ऐसा मंदिर है जहां सात माताएं सात पवित्र ज्योतियों के रूप में साक्षात दर्शन देती हैं। गुप्त नवरात्र पूजा पाठ, जप तप के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं, इन नवरात्र में साधक तांत्रिक यज्ञ अनुष्ठान करके माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
इन दिनों में माता के नवरूपों की पूजा की जाती है। वहीं तंत्र साधना वाले साधक इन नौ दिनों में माता के नवरूपों की बजाय दस महाविद्याओं की साधना करते हैं। ये दस महाविद्याएं हैं- मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी।
हर दिन होंगी पांच आरतियां
आम तौर पर मंदिरों में दो या तीन आरतियां होती हैं, लेकिन हजारों साल पुरानी परंपरा के तहत ज्वालामुखी मंदिर में हर दिन आयोजित होने वाली पांच आरतियां नवरात्रों में भी समयानुसार होंगी। यहां बता दें कि मंदिर में मंगल आरती, प्रातःकालीन आरती के बाद दोपहर को भोग आरती, संध्या कालीन आरती व रात को शयन आरती का आयोजन होता है।
मां दुर्गा की गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा
- गुप्त नवरात्रि के दौरान आधी रात को मां दुर्गा की पूजा की जाती हैं।
- मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करें।
- इसके बाद मां दुर्गा के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित करें।
- मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।

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