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बागवान बोले, 10 दिन में भी नहीं हुई कार्रवाई, अब जेल भरो आंदोलन

Jail Bharo Movement हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान फिर बिफर गए हैं। 27 संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने अब बुधवार से जेल भरो आंदोलन आरंभ करने का ऐलान किया है। वे शिमला में पुलिस के सामने गिरफ्तारी देंगे।

By Virender KumarEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 06:45 AM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 06:45 AM (IST)
बागवान बोले, 10 दिन में भी नहीं हुई कार्रवाई, अब जेल भरो आंदोलन
बागवान बोले, 10 दिन में भी नहीं हुई कार्रवाई, अब जेल भरो आंदोलन।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Jail Bharo Movement, हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान फिर बिफर गए हैं। 27 संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने अब बुधवार से जेल भरो आंदोलन आरंभ करने का ऐलान किया है। वे शिमला में पुलिस के सामने गिरफ्तारी देंगे। मंच से जुड़े बागवानों ने पांच अगस्त को राज्य सचिवालय का घेराव किया था व मुख्य सचिव के साथ वार्ता भी हुई थी। तब राज्य सरकार ने विश्वास दिलाया था कि 10 दिन में सभी मांगे न केवल पूरी करेगी बल्कि इसे लागू भी किया जाएगा। लेकिन, मंच का आरोप है कि सरकार ने 20 सूत्रीय मांगों पर धोखा दिया है। अब तो अदाणी एग्रो फ्रेश कंपनी ने सेब के दाम अपने ही स्तर पर तय कर पिछले साल से भी कम किए हैं। इससे बागवानों का गुस्सा बढ़ गया है।

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कितने बढ़ दाम

खाद, कीटनाशक, फफूंदनाशक, कार्टन, ट्रे व अन्य लागत वस्तुओं की कीमत में 25 से 80 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई। सरकार ने कहा था कि निजी कंपनियां सेब के दाम स्वयं नहीं बढ़ाएगी। इसके लिए नौणी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है। इसमें बागवानी विभाग के अतिरिक्त बागवानों के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने का दावा था। मंच संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि सरकार वादे से पीछे हटी है। अब आंदोलन तेज करेगा। 17 अगस्त को जेल भरो आंदोलन शुरू होगा। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार सभी मांगों को मानकर इन्हें जमीनी स्तर पर लागू कर किसानों व बागवानों को राहत प्रदान नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन

28 जुलाई को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संयुक्त किसान मंच के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई थी। उसमें मुख्यमंत्री में अन्य मांगों के साथ आश्वासन दिया था कि अदानी व अन्य कंपनियों के द्वारा सेब के दाम तय करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा।

सरकार बागवानों के मामले में संवेदनशील है। बागवानों की सभी मांगों को पूरा कर लिया गया है। जिन मांगों को उठाया जा रहा है, वे तर्कसंगत नहीं है। सरकार ने कमेटी की सिफारिशें स्वीकार कर निर्णय लिए थे। जेल भरो आंदोलन से मांगों की जस्टीफिकेशन नहीं बन जाएगी।

-आरडी धीमान, मुख्य सचिव, हिमाचल।


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