जान पर भारी लापरवाही, चेतावनी बोर्ड भी दरकिनार
संवाद सूत्र ज्वालामुखी उपमंडल देहरा के तहत कालेश्वर महादेव मंदिर के साथ बहती ब्यास नदी में हर साल डूबने से कोई न कोई काल का ग्रास बन रहा है। न तो लोग लापरवाही छोड़ रहे हैं और न ही प्रशासनिक सख्ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अमल में लाई जा रही है। नदी हर साल मानों मानव बलि लेने के लिए तुली रहती है।

संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : उपमंडल देहरा के तहत कालेश्वर महादेव मंदिर के साथ बहती ब्यास नदी में हर साल डूबने से कोई न कोई काल का ग्रास बन रहा है। न तो लोग लापरवाही छोड़ रहे हैं और न ही प्रशासनिक सख्ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अमल में लाई जा रही है। नदी हर साल मानों मानव बलि लेने के लिए तुली रहती है।
ऐसा नहीं है कि अकेले कालेश्वर महादेव में ही लोग लापरवाही से खुद ही जान के दुश्मन बन रहे हैं। निकटवर्ती गांवों में भी कोई बाबड़ियों तो कोई खड्डों में अकारण ही कूदकर जान देकर स्वजन पर दुख का पहाड़ फोड़ रहे हैं। इससे भी अधिक विडंबना यह है कि कालेश्वर जैसे धार्मिक पर्यटन क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही भी हो रही है। लोग नदी के किनारों पर मदिरा पान या फिर सेल्फी स्टाइल के लिए बेधड़क होकर पानी के बहाव को नजरअंदाज कर रहे हैं लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। कालेश्वर महादेव मंदिर के साथ कई ऐसे गहरे पानी के क्षेत्र हैं, जहां कोई एक बार फंसा तो मौत को गले लगाकर ही बाहर आएगा। यहां कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर व ऊना जिलों के लोग पांडवों की ओर से बनाए गए शिव मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां अस्थि विसर्जन भी किया जाता है। कालेश्वर का चंबापत्तन पुल सैरगाह बना हुआ है, लेकिन यहां एक भी चेतावनी बोर्ड नहीं है।
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हादसे रोकने के लिए प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों को भी सख्ती दिखानी चाहिए। चेतावनी बोर्डों के साथ लोगों को भी नजर रखनी चाहिए।
-कौंडल जीत, समाजसेवी।
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जब लोग नदी की ओर जाते हैं तो हम उन्हें नहाने के लिए मना करते हैं। बावजूद इसके युवाओं का हठ उनकी जान पर भारी पड़ रहा है।
-महंत स्वामी विश्वनाथ
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पुलिस समय-समय पर कालेश्वर में पेट्रोलिग पर जाती है। यहां गर्मियां हों या बरसात, पानी का बहाव बहुत तेज है। युवा खतरे को अनदेखा कर जान जोखिम में डालते हैं।
-चिरंजी लाल, थाना प्रभारी रक्कड़
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मैंने कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है। कहां-कहां चेतावनी बोर्डों की जरूरत है, खुद ही देखूंगा। पुलिस की रेकी बढ़ाएंगे, लेकिन लोग नदी से दूर रहें।
-चंद्रपाल, डीएसपी ज्वालामुखी।
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डूबने से अब तक हुई मौत
-21 अप्रैल, 2017 : कृष्ण चंद पुत्र पूर्ण चंद निवासी नादौन नदी में डूबा।
-3 मई, 2017 : रोहित गुलेरिया पुत्र कुलदीप चंद निवासी भरवाईं काल का ग्रास बना।
2018 : सागर पुत्र मुलख राज निवासी चलाड़ा होशियारपुर ब्यास में डूबा।
2019 : अश्वनी कुमार पुत्र ओम प्रकाश निवासी निहारी चामुक्खा में डूबा।
-2021 : 27 अगस्त को फगवाड़ा का साहिल डूबा लेकिन आजतक उसका कोई पता नहीं चला है।
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पौंग झील से महिला का शव बरामद
संवाद सूत्र, बिलासपुर : हरिपुर तहसील के तहत गांव जलरियां के समीप पौंग झील किनारे महिला का शव बरामद हुआ है। मृत महिला की पहचान नहीं हो पाई है। नेपाली मूल की महिला ने फूलदार कमीज व गले में लाकेट पहना है। शव 10 से 12 दिन पुराना है। शव मिलने की सूचना मछुआरों ने पंचायत प्रधान को दी थी। चौकी प्रभारी रानीताल जगदीश चंद के नेतृत्व में पहुंची टीम ने शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल देहरा भेज दिया है।
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