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पहले मां ने साथ छोड़ा, फिर पिता भी घर छोड़ चले गए, आखिर 11 साल की लड़की को मिला आश्रय

Minor Girl Shelter बल्ह घाटी के लोहारा क्षेत्र में अपनी बुजुर्ग दादी के साथ रहने वाली 11 साल की किशोरी अब बालिका गृह सुंदरनगर में न केवल रहेगी बल्कि पढ़ाई भी करेगी। बालिका के बारे में सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन मंडी की टीम ने बालिका का रेस्क्यू किया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:40 AM (IST)
पहले मां ने साथ छोड़ा, फिर पिता भी घर छोड़ चले गए, आखिर 11 साल की लड़की को मिला आश्रय
बुजुर्ग दादी के साथ रहने वाली 11 साल की किशोरी अब बालिका गृह सुंदरनगर में रहेगी

मंडी, सुरेंद्र शर्मा। Minor Girl Shelter, जिला मंडी की बल्ह घाटी के लोहारा क्षेत्र में अपनी बुजुर्ग दादी के साथ रहने वाली 11 साल की किशोरी अब बालिका गृह सुंदरनगर में न केवल रहेगी बल्कि पढ़ाई भी करेगी। बालिका के बारे में सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन मंडी की टीम ने बालिका का रेस्क्यू किया है। बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने पर समिति ने बालिका को सुंदरनगर के बालिका गृह में आश्रय दिया है। बल्ह घाटी के लोहारा क्षेत्र के साथ सटे एक गांव से संबंध रखने वाली ग्यारह साल की बालिका के जन्म के कुछ समय बाद मां घर छोड़ कर चली गई।

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नशे में धुत रहने वाले पिता ने दूसरी शादी रचाई। लेकिन वह भी कुछ समय के बाद घर छोड़ कर कहीं चली गई। रात-दिन नशे में रहने वाले पिता ने भी कुछ समय बाद जब घर छोड़ दिया। बालिका की परवरिश की जिम्मेवारी बालिका की बुजुर्ग दादी के कंधों पर आ गई। दादी ने मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपनी पोती का पालन पोषण किया। लेकिन अब दिल की बीमारी से जूझ रही दादी की तबीयत भी खराब हो रही है।

अस्पताल जाने के दौरान बालिका को पड़ोसी के घर में छोडऩा पड़ रहा है। कच्चे एक कमरे के घर में किसी तरह गुजर बसर करने वाली दादी व पोती की हालत अब इस कदर हो गई है कि वह दो वक्त की रोटी  के लिए आस पड़ोस के लोगों पर निर्भर है। जीवन संध्या के इस पड़ाव में  पोती के पालन पोषण के लिए असमर्थ दादी को पोती के भविष्य की चिंता सता रही है। चाइल्ड हेल्पलाइन मंडी को सूचना मिलने  पर टीम ने बालिका का रेस्क्यू किया है।

चाइल्‍डलाइन समन्‍वयक अच्‍छर सिंह ने कहा बल्ह घाटी के लोहारा क्षेत्र के साथ सटे एक गांव में बुजुर्ग दादी के साथ गुजर बसर करने वाली ग्यारह साल की बालिका का रेस्क्यू किया गया है। बाल कल्याण समिति ने बालिका को बालिका गृह सुंदरनगर में आश्रय दिया है। बालिका के मां बाप घर छोड़ कर चले गए हैं। बुजुर्ग दादी किसी तरह पोती का पालन पोषण कर रही थी। लेकिन अब बालिका की दादी की तबीयत खराब रह रही है।

छह माह की गर्भवती की आयु को लेकर संशय, किया रेस्क्यू

चाइल्ड लाइन व बाल संरक्षण इकाई की टीम ने करसोग के चुराग क्षेत्र से एक युवती  का रेस्क्यू किया है। नेपाली मूल की इस युवती के जच्चा बच्चा कार्ड में उसकी आयु 19 साल प्रतीत हो रही है, लेकिन रेस्क्यू करने वाली टीम को आयु को लेकर संशय है। लिहाजा रेस्क्यू टीम में शामिल चाइल्ड लाइन मंडी के समन्वयक अच्छर सिंह, सुषमा तथा बाल संरक्षण इकाई की सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति शर्मा रेस्क्यू कर उसे अपने साथ मंडी ले आए है। नेपाली मूल की रहने वाली युवती शिमला में अपनी बहन के पास रहती थी वहां से उसने चुराग क्षेत्र के एक युवक के साथ शादी की है। युवती छह माह की गर्भवती भी है। सोमवार को उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा।


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