Kangra News: डॉ.अश्वनी अवस्थी ने दक्षिण कोरिया में भारत का नाम किया रोशन, हैमर थ्रो में जीता गोल्ड मेडल
डॉ. अश्विनी अवस्थी ने एशिया पेसेफिक मास्टर गेम्स 2023 में हैमर थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया है। वाराणसी में स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद उनका चयन इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए हुआ है। उनकी इस कामयाबी से प्रदेश के लोग काफी खुश हैं।
नूरपुर, जागरण संवाददाता। फतेहपुर उपमंडल के तहत घडोली गांव के डॉ. अश्विनी अवस्थी ने एशिया पेसेफिक मास्टर गेम्स 2023 में हैमर थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। डिस्कस थ्रो प्रतियोगिता में उन्हें रजत पदक भी दिया गया है।
इंटरनेशनल मास्टर गेम्स एसोसिएशन आफिशियल द्वारा दक्षिण कोरिया में ये प्रतियोगिता रखी गई थी। जिसे एशिया पेसेफिक मास्टर गेम्स 2023 का नाम दिया गया था। खास बात ये है कि इसमें डॉ. अश्विनी अवस्थी ने स्वर्ण पदक हासिल किया है। इसके बाद से ही उनके गांव और प्रदेशभर में खुशी की लहर दौड़ रही है।
जल्द ही वे देश वापस लौटेंगे। उनकी इस कामयाबी पर कई संगठनों ने उन्हें बधाई दी है। दक्षिण कोरिया से फोन पर बात करते हुए डॉ. अश्वनी अवस्थी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने बुजुर्गों , धर्मपत्नी व परिवार के सभी सदस्यों को दिया है।
वाराणसी में भी स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं डॉ. अश्विनी
डॉ. अश्विनी अवस्थी इससे पहले देश में ही आयोजित की गई नेशनल मास्टर गेम्स में हैमर थ्रो में भी स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं, ये प्रतियोगिता वाराणसी में रखी गई थी। इसके बाद ही उनका चयन इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए हुआ।
डिस्कस थ्रो और हैमर थ्रो खेल के बारे में जानिए
डिस्कस थ्रो को डिस्क थ्रो के नाम से भी जाना जाता है। इस खेल की खास बात ये है कि इसमें खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में अधिक दूरी पर एक भारी डिस्क फेंकता है। इसकी गिनती प्राचीन खेलों में होती है। इस खेल को 708 ईसा से पहले प्राचीन ग्रीक पेंटाथलॉन इवेंट में शामिल किया गया था। इस इवेंट में रन्निंग, हाई जंप, डिस्कस थ्रो, भाला फेंकना और कुश्ती जैसे खेल शामिल थे।
हैमर थ्रो गेम भी कुछ इसी तरह की है। इसमें स्टील की भारी गेंद को एक रस्सी की सहायता के साथ पकड़ा जाता है और फिर इस दूर फेंका जाता है। जो भी खिलाड़ी इसे सबसे दूर फेंकता है, जीत उसी की होती है।
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