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    क्‍या आप जानते हैं हिमाचल के सबसे बड़े कैंट बोर्ड योल की स्‍थापना कब और क्‍यों हुई, पढ़‍िए पूरा मामला

    By Rajesh SharmaEdited By:
    Updated: Thu, 10 Dec 2020 08:35 AM (IST)

    Yol Cantt Board योल कैंट बोर्ड की स्थापना 16 दिसंबर 1941 को हुई थी। बोर्ड को निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से छावनी अधिनियम (13-3) के तहत गठित किया गय ...और पढ़ें

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    योल कैंट बोर्ड की स्थापना 16 दिसंबर 1941 को हुई थी।

    योल‌, सुरेश कौशल। भारत रक्षा संपदा संगठन का गठन 16 दिसंबर 1926 को हुआ थी। इसी दिन पूरे भारत वर्ष में कैंट बोर्ड के स्थापना दिवस के तौर पर मनाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना काल के दौरान हर जगह सामान्‍य तौर पर ही कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। रक्षा संपदा संगठन का मुख्य कार्य रक्षा भूमि के प्रबंध के अलावा छावनी परिषद की प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना भी है। इसी तरह छावनी बोर्ड भारत रक्षा मंत्रालय के तहत स्थापित एक नागरिक प्रशासन का निकाय है और यह बोर्ड देश भर में फैले हैं।

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    समूचे देश में 62 कैंट बोर्ड हैं। रक्षा मंत्रालय ने इसी के तहत हिमाचल को सात कैंट बोर्ड दिए हैं। जिसमें कसौली, जतोग, सुबाथू, सोलन, डलहाैजी, बकलोह व योल शामिल हैं। इसमें योल सबसे बड़ा कैंट बोर्ड दिया गया है। यंग ऑफिसर लिविंग होने के कारण यहां रक्षा संपदा संगठन ने कैंट बोर्ड बनाना तय किया था। ब्रिटिश काल में युवा अधिकारियों के लिए यह रेस्‍ट कैंप बनाया गया था।

    योल कैंट बोर्ड की स्थापना 16 दिसंबर 1941 को हुई थी। बोर्ड को निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से छावनी अधिनियम (13-3) के तहत गठित किया गया है। छावनी अधिनियम की धारा 12 के तहत गठित की जाती है। 2006 केंटोनमेंट बोर्ड स्थानीय निकाय चरित्र में स्वायत है और छावनी क्षेत्र के नगरपालिका प्रशासन के लिए जिम्मेदार है।

    छावनी परिषद मुख्यत सैन्य क्षेत्र की आबादी के आवास तथा स्थापनाओं के लिए है। छावनियों की चार श्रेणियां होती हैं, जो किसी छावनी के अंदर वाली आबादी के आकार पर निर्भर करता है। रक्षा संपदा महानिदेशालय ‌‌‌‌‌‌मंत्रालय का एक अंतर सेवा संगठन है जो सीधे तौर पर छावनी प्रशासन को देखती है।