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    ज्‍वालामुखी मंदिर: बजट बेशुमार, सिरे नहीं चढ़ी योजनाएं

    By Edited By:
    Updated: Tue, 11 Jan 2022 11:58 AM (IST)

    Jwalamukhi Temple शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में विकास के लिए स्वीकृत करोड़ों रुपये का बजट मंदिर न्यास व प्रशासन की बैठकों में ही पिस गया है। बैठको ...और पढ़ें

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    ज्वालामुखी मंदिर में विकास के लिए स्वीकृत करोड़ों रुपये का बजट न्यास व प्रशासन की बैठकों में ही पिस गया।

    ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में विकास के लिए स्वीकृत करोड़ों रुपये का बजट मंदिर न्यास व प्रशासन की बैठकों में ही पिस गया है। बैठकों में विकास के लिए तय किए गए बजट से फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं हो पाई है, जबकि न्यास व मंदिर प्रशासन अगले बजट की तैयारी में जुटा है। मंदिर प्रशासन ने पिछले तीन साल में वार्षिक बजट बैठकों में 25 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव रखे। विडंबना है कि मंदिर के इर्द गिर्द ढांचागत विकास पर 90 फीसद बजट खर्च ही नहीं हो पाया।

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    वर्ष 2019 के वार्षिक बजट में भैरों बाबा मंदिर के विकास के लिए 50 लाख, टेड़ा मंदिर के लिए 35 लाख, अकबर नहर के जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख, मंदिर न्यास की प्रस्तावित सराय के लिए एक करोड़, मंदिर में सोलर सिस्टम के लिए 25 लाख व संग्रहालय निर्माण के लिए 20 लाख रुपये का प्रविधान किया, लेकिन किसी भी प्रस्ताव पर एक पैसा नहीं खर्चा। वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर के बीच विकास कार्य नहीं हो सके। बीते साल 21 जुलाई को पारित किए बजट पर अभी तक विकास के नाम पर एक ईट नहीं लग पाई है। इस साल 13 करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए स्वीकृत किए हैं लेकिन इन पर अभी तक बर्फ ही जमी है।

    टेड़ा मंदिर के सुंदरीकरण के लिए 35 लाख, मंदिर से निकलते नाले के लिए 20 लाख, मंदिर की ग्रिल के लिए 10 लाख, रंग-रोगन पर 10 लाख व अकबर नहर के कायाकल्प के लिए 15 लाख रुपये खर्च होने थे, लेकिन एक रुपया भी खर्च नहीं हो सका है। मुख्य मंदिर के संगमरमर को बदलने के लिए 30 लाख, चारदीवारी के लिए 10 लाख व मंदिर की प्राचीन महत्व की वस्तुओं को संजोने के लिए संग्रहालय बनाने के लिए 50 लाख रुपये का बजट रखा है लेकिन इसे खर्च करने की अभी तक योजना नहीं बन पाई है। एक करोड़ मंदिर की प्रस्तावित सराय के लिए रखा है लेकिन न तो न्यास और न ही प्रशासन यह तय कर पाया है कि यह बननी कहां है। बरसात में मंदिर की छत टपकना शुरू हो गई है और इसे दुरुस्त करवाने के लिए 10 लाख रुपये का प्रविधान किया है, लेकिन सटीक योजना न होने से कोई भी कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया है।

    दिलचस्पी नहीं दिखा रहे अधिकारी

    मंदिर न्यास के सदस्य प्रशांत शर्मा, सौरभ शर्मा व शशि चौधरी ने बताया कि कुछ काम मंदिर के विकास पर हुए हैं, लेकिन बहुत कुछ बाकी हैं। अधिकारियों की दिलचस्पी के बिना लंबित काम कभी नहीं हो पाएंगे। हमने अफसरशाही की ढील की शिकायत मुख्यमंत्री व जिला उपायुक्त से भी की है। कई बार पुराने बजट पर एक पैसे का काम न होने से क्षुब्ध होकर बैठकों का बहिष्कार भी किया लेकिन कुछ नहीं होता।

    क्‍या कहते हैं अधिकारी

    • मुझे कुछ समय ही मंदिर अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाले हुआ है। बजट में जिन योजनाओं के लिए प्रविधान है कुछ पर काम शुरू हुआ है, बाकी कार्यों को शुरू करने का प्रयास रहेगा। यह तमाम विषय विचारणीय हैं। न्यास की आगामी बैठक में इस पर चर्चा होगी। -दीनानाथ यादव, मंदिर अधिकारी ज्वालामुखी।
    • कुछ माह पहले मंदिर के विकास कार्यों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में ये मुद्दे उठे थे। न्यास ने भी विकास कार्यों में देरी की शिकायत की थी। मैं मंदिर प्रशासन से इस बारे में रिपोर्ट लूंगा। बजट होने के बावजूद कार्य रुकना या न होना ¨चतनीय है, इसकी समीक्षा होगी। -डा. निपुण जिंदल, उपायुक्त कांगड़ा।