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उपायुक्‍त राकेश प्रजापति बोले, चूक मुझसे भी हुई पर बचाव जरूरी, इन तीन बातों पर जोर देने की कही बात

DC Kangra Rakesh Prajapati 33 वर्ष की आयु में अगर मुझे कोरोना हो सकता है तो यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। यह बात कोरोना संक्रमण से जंग जीतकर लौटे उपायुक्‍त राकेश प्रजापत‍ि ने कही।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 05:28 PM (IST)
उपायुक्‍त राकेश प्रजापति बोले, चूक मुझसे भी हुई पर बचाव जरूरी, इन तीन बातों पर जोर देने की कही बात
उपायुक्‍त कांगड़ा राकेश प्रजापति कोरोना संक्रमण से जंग जीतने के बाद कार्यालय में।

धर्मशाला, दिनेश कटोच। 33 वर्ष की आयु में अगर मुझे कोरोना हो सकता है, तो यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। यह बात कोरोना संक्रमण से जंग जीतकर लौटे उपायुक्‍त राकेश प्रजापत‍ि ने कही। उन्‍होंने अनुभव साझा करते हुए कहा कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है, इसलिए आत्म विश्वास व एहतियात के साथ पूरी जंग भी होनी चाहिए। प्रतिदिन 500 से ज्यादा लोगों से मिलना भी होता था। चूक तो मुझसे भी हुई लेकिन ऐसा कोई न करे। जान है तो जहान है यह बात सभी को समझनी चाहिए।

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पहले कुछ दिक्कत महसूस हुई तो घर में भी चार दिन तक रहा, लेकिन दिक्कत बढऩे पर टांडा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वहां पर स्वास्थ्य लाभ लेकर वापस कार्य पर लौटा हूं। सबसे बड़ी बात यह भी है कि आने वाले छह से बारह महीनों के अंदर कोरोना को लेकर कोई भी वैक्सीन नहीं आने वाली है तो ऐसे में हम एहतियात बरतकर ही अपने आप को इस महामारी से दूर रख सकते हैं। इसलिए तीन बातें सभी के लिए जरूरी हैं, सबसे पहले मुंह पर मास्क लगाकर रखें। दूसरी बात शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखें,  तीसरी सबसे बड़ी बात कि हम हैंड सैनिटाइज करते रहें।

जहां तक बात सरकारी कार्यालयों में कामकाज की है यहां पर बहुत अधिक संख्या में लोग आते हैं। इन जगहों पर यह भी अति आवश्यक है कि हम पूरी एहतियात बरतें। अब सरकारी कार्यालयों में ई-मेल, फोन व वाटसएप के माध्यम से भी अपने काम को करवा सकते हैं, इसलिए जितना हो सके कम से कम घर से बाहर निकलें।

मेरा यह मानना भी है कि कोरोना के मामलों व इससे मौतों की वजह के दो बड़े कारण भी रहे हैं, जिसमें पहला तो लोग जानबूझकर अपनी कोरोना को लेकर जांच ही नहीं करवाते हैं और दूसरा वह अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान भी नहीं रखते हैं, जबकि जिला के सभी सिविल अस्पतालों में कोरेाना जांच की सुविधा उपलब्ध भी है। लेेकिन जो मौतें जिला कांगड़ा में हुई हैं वह किसी न किसी बीमारी से ग्रसित भी थे। इस बात पर इसलिए भी विशेष रूप से जोर दे रहा हूं कि अगर आप कोरोना से पीडि़त हैं और आप अपनी जांच नहीं करवाते हैं तो यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। यदि आपको अपने आप में कोई लक्षण आता है, तुरंत अपनी कोरोना की जांच करवाएं।

जिला कांगड़ा में कोरोना की आहट से पहले ही अपनी पूरी टीम के साथ स्थिति को संभाला गया था। इसका यह परिणाम भी रहा कि जिला कांगड़ा में प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले कोरोना के आंकडों की कोई बड़ी दस्तक नहीं रही। मैं खुद अपनी छोटी बेटी व पत्नी सहित कोरोना पॉजीटिव रह चुका हूं और पूरे परिवार सहित इस जंग को लड़ा है। पर एक बार फिर से सभी से यह अपील ही नहीं आग्रह भी है कि बिना वजह घरों से बाहर न निकलें और कोविड-19 के नियमों का पूरा पालन करें।


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