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    Kotropi Landslide: कोटरोपी पर दोबारा मंडराया खतरा; पहाड़ी पर बनी झील से रिसाव शुरू, ड्रोन से सर्वे में खुलासा

    By Virender KumarEdited By:
    Updated: Mon, 22 Aug 2022 08:00 AM (IST)

    Danger in Kotropi मंडी जिले के द्रंग हलके की कोटरोपी की पहाड़ी पर बनी झील से रिसाव शुरू हो गया है। पहाड़ी से पानी पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ ...और पढ़ें

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    कोटरोपी में पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर पहाड़ी में हुआ जलभराव।

    मंडी, जागरण संवाददाता। Danger in Kotropi, मंडी जिले के द्रंग हलके की कोटरोपी की पहाड़ी पर बनी झील से रिसाव शुरू हो गया है। पहाड़ी से पानी पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ रहा है। ड्रोन से किए गए सर्वे के बाद आई तस्वीरों से इसका पता चला है। यहां 2017 जैसे हालात पैदा हो गए हैं। झील का पानी यहां कहर बनकर बरप सकता है। संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर जाने के निर्देश दिए हैं। 2017 में 12 अगस्त की रात कोटरोपी की पहाड़ी दरकने से मलबे की चपेट में हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की दो बसों के आने से 49 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भी पहाड़ी में झील बन गई थी।

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    उपायुक्‍त ने लिया जायजा

    उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने रविवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व भूगर्भ विज्ञानियों के साथ कोटरोपी में हालात का जायजा लिया। वास्तुस्थिति जानने के लिए कोटारोपी की पहाड़ी का का ड्रोन कैमरे से सर्वे करवाया गया। देर शाम आई ड्रोन की तस्वीरों से यह बात सामने आई है कि पहाड़ी पर झील बन गई है। इससे पानी का रिसाव शुरू हो गया है। यहां पहाड़ दरकने का खतरा पैदा हो गया है। उपायुक्त ने पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को भूस्खलन से हुए नुकसान का जायजा भी लिया। दो दिन पहले मार्ग का बड़ा हिस्सा धंस गया था। इससे कोटरोपी में मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद है।

    IIT से मांगी मदद

    उपायुक्त सोमवार को विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजेंगे। मार्ग बहाल करने के लिए प्रशासन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मंडी के विशेषज्ञों से मदद मांगी है। एनएचएआइ के अधिकारियों को मार्ग बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए मार्ग बहाल होने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है। फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग मंडी से पद्धर व जोगेंद्रनगर से पद्धर तक बहाल हो गया है। छोटे वाहन, सरकारी व निजी बसें पद्धर से डायनापार्क होकर भेजी जा रही हैं। व्यावसायिक वाहनों की आवाजाही पर रोक है। कोटरोपी से करीब 150 मीटर दूर उरला की तरफ मार्ग का बड़ा हिस्सा धंस गया है। क्षतिग्रस्त मार्ग को पैदल आरपार करना भी संभव नहीं है। सामरिक दृष्टि से यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है। पठानकोट व जम्मू से लेह लद्दाख तक सेना की रसद जाती है। झील में कितना पानी जमा है। इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

    कोटरोपी की पहाड़ी का ड्रोन से सर्वे किया है। पहाड़ी में जलभराव हुआ है। इससे पानी का रिसाव शुरू हो गया है। मार्ग का बड़ा हिस्सा कट गया है। रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। एनएचएआइ को मार्ग बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। -अरिंदम चौधरी, उपायुक्त मंडी।