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    Chintpurni Temple: चारों दिशाओं में रूद्र से संरक्षित है च‍िंतपूर्णी धाम, मंदिर से दूरी भी है एक समान, जानिए

    By Rajesh Kumar SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 16 May 2022 11:48 AM (IST)

    Chintpurni Temple प्राचीन धर्मग्रंथों के अनुसार मां छिन्नमस्तिका के निवास के लिए उस स्थान का चारों दिशाओं में रूद्र महादेव का संरक्षण होना आवश्यक है। ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में स्थित च‍िंतपूर्णी मंदिर।

    च‍िंतपूर्णी, बृजमोहन कालिया। Chintpurni Temple, प्राचीन धर्मग्रंथों के अनुसार मां छिन्नमस्तिका के निवास के लिए उस स्थान का चारों दिशाओं में रूद्र महादेव का संरक्षण होना आवश्यक है। अर्थात छिन्नमस्तिका धाम का निवास स्थान निश्चित दूरी से चार शिव मंदिरों से घिरा होना चाहिए। ये लक्षण चि‍ंतपूर्णी में शत-प्रतिशत सही उतरते हैं। मंदिर के चारों ओर शिव मंदिर हैं। मंदिर से उनकी दूरी भी समान है। च‍िंतपूर्णी मंदिर के पूर्व में कालेश्वर महादेव, दक्षिण में शिवबाड़ी मंदिर गगरेट, उत्तर में मुचकुंद महादेव व पश्चिम में नरयाणा महादेव मंदिर है। हालांकि पौंग बांध बनने के बाद नरयाणा महादेव मंदिर जलमग्न हो गया है।

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    दिलचस्प बात यह है कि चारों शिवालयों की च‍िंतपूर्णी से दूरी 23-23 किलोमीटर है। अत: पुराणों में लिखी इस बात की पुष्टि होती है कि च‍िंतपूर्णी में मां छिन्नमस्तिका साक्षात रूप में निवास करती हैं। मां के मंदिर के साथ एक और ऐतिहासिक घटना जुड़ी है। जहां पर मां च‍िंतपूर्णी का मंदिर स्थित है वह स्थान कभी अम्ब व डाडासीबा के राजाओं की रियासत की सीमा थी। इस स्थान का प्राचीन नाम छपरोह है। इसे अपने अधीन लेने के लिए दोनों राजाओं में झगड़ा हुआ और दोनों इस स्थान पर अधिकार जताने लगे और नौबत युद्ध तक जा पहुंची।

    ऐसे में कुछ बुद्धिजीवी लोगों ने बीच बचाव किया और बाद में इस बात पर सहमति बन गई कि मां च‍िंतपूर्णी के नाम पर दो बकरे छोड़े जाएं। एक अम्ब के राजा व दूसरा डाडासीबा के राजा की ओर से। जिसका बकरा पहले कांप जाएगा, भविष्य में च‍िंतपूर्णी उसकी ही रियासत का हिस्सा होगी। इस शर्त में अम्ब के राजा की जीत हुई, क्योंकि उनके नाम पर छोड़ा गया बकरा पहले कांप गया था।

    अम्ब के राजा मां छिन्नमस्तिका के परम भक्त थे। कहते हैं कि मां च‍िंतपूर्णी भक्तों के दुख हरने वाली हैं और च‍िंताओं को दूर करने पर ही मां का नाम च‍िंतपूर्णी पड़ा।