ब्रिगेडियर मनोज खंडूरी ने चुवाड़ी कालेज में एनसीसी कैडेट्स को दिए जिंदगी बदलने वाले ये टिप्स
शुक्रवार को शिमला ग्रुप के कमांडर ब्रिगेडियर मनोज खंडूरी व नौ एचपी बटालियन एनसीसी डलहौजी के कमांडिंग आफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल शमीम अंसारी ने राजकीय महाविद्यालय चुवाड़ी का दौरा किया। महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने सीनियर अफसर अनमोल कुमार की निगरानी में ब्रिगेडियर को गार्ड आफ आनर दिया।

चुवाड़ी, संवाद सहयोगी। शुक्रवार को शिमला ग्रुप के कमांडर ब्रिगेडियर मनोज खंडूरी व नौ एचपी बटालियन एनसीसी डलहौजी के कमांडिंग आफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल शमीम अंसारी ने राजकीय महाविद्यालय चुवाड़ी का दौरा किया। महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने सीनियर अफसर अनमोल कुमार की निगरानी में ब्रिगेडियर को गार्ड आफ आनर दिया।
उसके बाद ब्रिगेडियर ने महाविद्यालय के 52 कैडेट्स की ड्रिल का भी मुआवजा किया। ग्रुप कमांडर मनोज खंडूरी को कमांडिंग आफिसर शमीम अंसारी ने सम्मानित किया तथा कालेज के एनसीसी प्रभारी लेफ्टिनेंट सुरजीत कुमार ने कमांडिंग आफिसर शमीम अंसारी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। तत्पश्चात ब्रिगेडियर ने सीनियर अंडर आफिसर रोहित कुमार, अनमोल कुमार व दिव्या शर्मा को एनसीसी में उनके सराहनीय कार्य के लिए मोमेंटो देकर सम्मानित किया। ग्रुप कमांडर ने विद्याॢथयों को एनसीसी के विभिन्न सॢटफिकेट में होने वाले फायदों के बारे में बताया। ग्रुप कमांडर ने बताया कि एनसीसी को शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही कई सारी शिक्षा प्रदान की जाती है जैसे, नेतृत्व की योग्यता, आत्मविश्वास, सम्मान की भावना, संचार कौशल और सबसे महत्वपूर्ण आम्र्ड फोर्स के बारे में ज्ञान। जीवन के हर क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनुशासन और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता होती है तथा इसका फायदा, युवाओं को जीवन के हर क्षेत्र में मिलता है और इन लाभों की कतार एनसीसी सॢटफिकेट मिलने के बाद बढ़ती जाती है। एनसीसी में छात्रों को उच्च स्तर की आर्मी ट्रेनिंग के लिए शिक्षा दी जाती है, जो उन्हेंं यह पता लगाने में मदद करती है कि क्या वे भविष्य में अपने करियर के रूप में सेना को चुनने के लिए उपयुक्त है या नहीं।
उन्होंने बताया कि जीवन के हर क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनुशासन और आत्मनिर्भरता की आवश्यकता होती है और एनसीसी कैडेट्स को अनुशासन और आत्मनिर्भरता का महत्व सिखाया जाता है तथा कैंप कै दोरान अलग-अलग स्थानों पर घूमने का अवसर प्राप्त होता है जिससे कि उन्हेंं विभिन्न त्योहारों, परंपराओं और भाषाओं को सीखने का अवसर मिलता है। इस दौरान नौ हिमाचल प्रदेश बटालियन डलहौजी के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विद्यालय व महाविद्यालय से 12 एएनओ व एनसीसी केयर टेकर उपस्थित रहे।
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