भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद किशन कपूर को याद आई 35 साल पुरानी जीप, पढ़ें क्या हैं सियासी मायने
MP Kishan Kapoor कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर को महिंद्रा जीप क्यों याद आती है। यादों से जुड़ी इंटरनेट पर डाली गई पोस्ट को लोग खूब लाइक व शेयर कर रहे हैं। आखिरकार सांसद ने ऐसा क्या लिखा है इस पोस्ट में।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। MP Kishan Kapoor, कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर को महिंद्रा जीप क्यों याद आती है। यादों से जुड़ी इंटरनेट पर डाली गई पोस्ट को लोग खूब लाइक व शेयर कर रहे हैं। आखिरकार सांसद ने ऐसा क्या लिखा है इस पोस्ट में। आप भी जानने के इच्छुक हैं तो इसे पूरा पढ़ें। सांसद किशन कपूर ने अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया है। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उस जमाने में किराये के वाहनों से चुनाव -प्रचार का काम होता था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के प्रति सहानुभूति की लहर के कारण इन चुनावों में बहुत कम मतों से पराजित हुआ।
चुनाव के बाद मेरा बजाज स्कूटर भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया तो माता ने स्कूटर चलाने के लिए साफ़ इनकार कर दिया। उसके बाद 1986 में साथी बनी महिंद्रा जीप। इस जीप के साथ चुनाव में जीत हासिल करने का दृढ़ संकल्प लेकर महिंद्रा जीप के भरोसे सब कुछ दांव पर लगा अगले चुनावों की तैयारी में कूद पड़ा।
इस जीप पर लाउडस्पीकर और पार्टी के झंडे हमेशा लगे रहते थे। तब भाजपा के पास सीमित साधन थे। जो थोड़ा बहुत कार्यकर्ताओं के पास होता वहीं पार्टी की संपत्ति होती। बस फिर क्या था अपनी जीप पर धर्मशाला का चप्पा- चप्पा घूमा, प्रत्येक व्यक्ति और परिवार से संपर्क साधने का प्रयत्न किया और उनकी समस्याओं को अपना समझ कर जनसेवा में जुट गए।
परिणामस्वरूप इसी महिंद्रा जीप के भरोसे वर्ष 1990 के चुनाव में प्रदेश में सबसे ज्यादा मत प्रतिशता हासिल कर इसी महिंद्रा जीप पर सवार होकर प्रदेश विधानसभा पहुंचा। 35 वर्षों बाद आज जब यह फोटो मिली, पुरानी यादें एक बार फिर ताजा हो गईं। एक मित्र ने बताया कि यह फोटो किसी अंग्रेज़ी फ़ोटोग्राफर ने तब खींची थी।
किशन कपूर की इस पोस्ट के बाद कई तरह के क्यास भी लगाए जा रहे हैं। एक तरह से भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आज के नेताओं को एक संदेश देने का भी प्रयास किया है कि उन्होंने किस तरह से पार्टी को स्टैंड किया। खैर किशन कपूर की यह पोस्ट धर्मशाला के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस पोस्ट पर कई लोग कमेंट भी कर रहे हैं कि संघर्ष के साथियों को नहीं भूलना चाहिए।