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    नगर निगम चुनाव में धुरंधरों की प्रतिष्ठा दांव पर, प्रचार में जुटे भाजपा व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

    नगर निगम चुनाव को लेकर सजे रण में धुरंधरों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के रथ का सारथी बनकर प्रचार अभियान शुरू कर दिया। खनियारा सिद्धपुर सहित अन्य वार्डों में सुधीर शर्मा में बैठकें की।

    By Richa RanaEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 08:51 AM (IST)
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    नगर निगम चुनाव को लेकर सजे रण में धुरंधरों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।

    धर्मशाला, नीरज व्यास। नगर निगम चुनाव को लेकर सजे रण में धुरंधरों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। प्रचार में भाजपा व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है। कांग्रेस में पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के रथ का सारथी बनकर प्रचार अभियान शुरू कर दिया। खनियारा, सिद्धपुर सहित अन्य वार्डों में सुधीर शर्मा में बैठकें की।

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    वहीं भाजपा नेता व कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया व विधायक विशाल नैहरिया भी नजदीकी से चुनावी रण पर नजर रख रहे हैं। अलग अलग जगहों पर बैठकें कर रहे हैं। नगर निगम के दूसरी बार होने जा रहे चुनाव में भाजपा कांग्रेस का किला भेदने तो कांग्रेस किला बचाने के लिए मैदान में है। निवर्तमान महापौर देवेंद्र जग्गी वार्ड 11 से तो पूर्व महापौर रजनी वार्ड 15 से तो उपमहापौर वार्ड तीन से अपना भाग्य फिर से अाजमा रहे हैं। शीर्ष पदों पर रहे इन तीनों ही नेताओं को लोगों के किए कार्य व शेष कार्यों के लिए जवाबदेही के तौर पर लोगों के तीखे प्रहार भी सहने पड़ रहे हैं।

    नगर निगम के 17 वार्डों के लिए 86 लोगं ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। जिसमें से 43 निर्दलीय है। एेसे में भाजपा को जो निर्दलीय नुकसान पहुंचा सकते हैं, भाजपा उनको बैठाने की तैयारी में है, इसी तरह से जो निर्दलीय कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं कांग्रेस उन्हें बैठाने की तैयारी में हैं। चुनावी बेला है तो मुद्दों के तीर भी खूब निकल रहे हैं। पूर्व में मंत्री रहे सुधीर शर्मा ने जनता से जो वादे किये थे अौर पूरे नहीं हुए उन वादों को लेकर व अंडरग्राउंड डस्टबीन, मॉडल स्ट्रीट लाइट अादि मुद्दों को कांग्रेस प्रत्याशी को झेलने पड़ रहे हैं।

    वहीं पूर्व पार्षदों की नाकामियां भी उम्मीदवारों के लिए गले का फांस बन रही हैं। धर्मशाला में 17 वार्डों में से 14 पर कांग्रेस थी अौर 3 वार्डों में भाजपा रही है। अब कांग्रेस पूर्व के चार चेहरों के साथ तो भाजपा पूर्व के दो पार्षदों के साथ मैदान में है। एेसे में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को लोगों की ज्यादा नाराजगी झेलनी पड़ रही है। अभी 27 मार्च को नामांकन वापसी की तिथि है। इसके बाद तय हो जाएगा कि मैदान में कितने शेष रहते हैं। हालांकि नगर निगम चनाव में धुरंधरों की प्रतिष्ठा दांव पर है अौर भाजपा व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रचार में जुट गए हैं।