भुवनेश सूद सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के जिला अध्यक्ष
संवाद सहयोगी पालमपुर सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की बैठक रविवार को महाराणा प्रताप भवन पालमप
संवाद सहयोगी, पालमपुर : सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की बैठक रविवार को महाराणा प्रताप भवन पालमपुर में मंच के प्रदेश अध्यक्ष केएस जम्वाल की अध्यक्षता में हुई। प्रदेशाध्यक्ष केएस जम्वाल ने कहा कि सामान्य वर्गो की मांगों को लेकर 12 मार्च को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन और 20 अप्रैल को प्रदेश मुख्यालय शिमला में विरोध रैली निकाली जाएगी। इसमें प्रदर्शन व सरकार का ज्ञापन सौंपकर सामान्य वर्ग की समस्याओं को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग संयुक्त मंच कार्यकारिणी सदस्यों के साथ प्रदेश के सभी जिलों में बैठकें हो रही हैं।
बैठक में सभी सदस्यों के सुझावों बाद रविवार को मंच की जिला कांगड़ा कमेटी का गठन किया गया। इसमें सर्वसम्मति से भुवनेश सूद अध्यक्ष, गुरचरण सिंह टोहरा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सुरेश वालिया उपाध्यक्ष, शान्ति स्वरूप शर्मा महामंत्री, स्वर्णा वालिया महिला विग अध्यक्ष, कैलाश मन्हास यूवा विग अध्यक्ष तथा कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी अर्जुन सिंह गुलेरिया को दी गई। नवनियुक्त जिला अध्यक्ष भुवनेश सूद ने मंच संचालन में अपनी ओर से 31000 रुपये भेंट किए। वहीं अन्य सदस्यों ने भी मंच की गतिविधियों के संचालन में अंशदान दिया। नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने मंच को आश्वस्त किया कि नई जिम्मेदारी को पूरी कर्तव्यनिष्ठा से सभी जातियों को साथ लेकर संगठन को मजबूती प्रदान की जाएगी।
बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों व जिला कांगड़ा राजपूत कल्याण ट्रस्ट अध्यक्ष कुलदीप ठाकुर, राजपूत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष टेक चंद राणा, प्रदेश जिला कांगड़ा ब्राह्मण सभा अध्यक्ष पंडित शान्ति शर्मा, अश्वनी शर्मा, प्रेम प्रकाश व रजिन्द्र शर्मा, सूद सभा से भुवनेश सूद, बलदेव राज सूद, मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष कर्नल रमेश वालिया, महासचिव जगरूप सिंह राणा, सदस्य मेहर सिंह राणा, महिला विग प्रदेश अध्यक्ष सुदेश राणा, राजपूत सभा देहरा अध्यक्ष यशपाल पठानिया, जयसिंहपुर अध्यक्ष राजिद्र राणा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य युद्धवीर कटोच, सभा सचिव मिलाप चंद ने अपने विचार प्रकट किए। अधिकतर वक्ताओं ने आरक्षण एवं एससी एटरोसिटी एक्ट का पुरजोर विरोध करते हुए इसमें संशोधन की बात कही। इसके साथ ही प्रदेशस्तरीय बैठक में सर्वसहमति से तीन प्रस्तावों पर चर्चा करके प्रदेश सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। इसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण, एसटी-एससी एटरोसिटी एक्ट समाप्त करना, लैंड टेंडैंसी एक्ट में जमीन खोने वाले जमीदारों को आर्थिक सहायता, काश्तकारी में मिली जमीनों को बेचने का अधिकार समाप्त करना आदि विशेष तौर से शामिल रहे।