नारदा शारदा मंदिर में अष्टमी पर लगाया भंडारा
जागरण संवाददाता, नगरोटा बगवां : ऐतिहासिक माता नारदा-शारदा मंदिर के प्रांगण में दुर्गा अष्टमी
जागरण संवाददाता, नगरोटा बगवां : ऐतिहासिक माता नारदा-शारदा मंदिर के प्रांगण में दुर्गा अष्टमी पर भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर के संबंध में कथा प्रचलित है कि लगभग 200 वर्ष पूर्व एक बार ग्रामीणों का समूह यहां पर स्थित शिला के पास से गुजर रहा था कि उन्होंने देखा कि एक छोटी सी कन्या शिला पर चढ़ गई। जब उस कन्या से पहचान के बारे में पूछा तो उसने बताया कि मेरा नाम नारदा शारदा है। इतना कहते ही वह लुप्त हो गई और अपने पीछे शिला पर दो यंत्र छोड़ गई, जो आज भी शिला पर मौजूद हैं। कुछ समय बाद पंडितों ने यहां मंदिर बनवा दिया, मगर दैवीय शक्ति के कारण उक्त शिला पर छत आज तक नहीं डाली जा सकी। पंडितों ने समय-समय पर शिला पर छत डालने की कोशिश की, पर नाकाम रहे। यह मंदिर दो अलग-अलग देवियों में विभाजित है। नारदा लक्ष्मी का रूप है, जो धन की देवी है। शारदा सरस्वती का रूप है, जो ज्ञान तथा बुद्धि की प्रतीक है। नगरोटा बगवां के निकटवर्ती गांव कबाड़ी, हटवास, घोड़ब के लोगों की मां नारदा-शारदा कुल देवी भी है। इस मंदिर की देखरेख का जिम्मा पंडित केवल कृष्ण के पास है।
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