Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Baijnath Temple: बैजनाथ में अखरोटों की बारिश, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लिया प्रसाद, देखिए तस्वीरें

    By Jagran NewsEdited By: Virender Kumar
    Updated: Sun, 06 Nov 2022 09:08 PM (IST)

    Baijnath Temple कांगड़ा जिले के ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में रविवार देर शाम बैकुंठ चौदस के मौके पर अखरोट बरसात का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंदिर के पुजारियों ने संध्याकालीन आरती के बाद बैजनाथ शिव मंदिर की छत से हजारों की संख्या में अखरोटों की बौछार की।

    Hero Image
    Baijnath Temple: बैजनाथ में अखरोटों की बारिश के दौरान श्रद्धालु। जागरण

    बैजनाथ, संवाद सहयोगी। Baijnath Temple, कांगड़ा जिले के ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में रविवार देर शाम बैकुंठ चौदस के मौके पर अखरोट बरसात का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंदिर के पुजारियों ने संध्याकालीन आरती के बाद बैजनाथ शिव मंदिर की छत से हजारों की संख्या में अखरोटों की बौछार की। यहां कई सालों से बैकुंठ चतुर्थी के मौके पर अखरोट बरसात कि इस परंपरा का निर्माण किया जाता है। ‌इसको लेकर कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है कि यह परंपरा कब और क्यों शुरू की गई थी, लेकिन मंदिर पुजारियों का कहना है कि इस परंपरा को काफी साल पहले बैकुंठ चतुर्थी के मौके पर काफी सूक्ष्म पूजा के साथ शुरू किया गया था। जो आज विशाल रूप ले चुकी है। मंदिर के पुजारियों द्वारा छत से फैंके जा रहे अखरोटों को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने के लिए मंदिर परिसर में काफी संख्या में श्रद्धालु जमा थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसलिए की जाती है अखरोटों की बारिश

    शंखासुर नाम के दैत्य ने इंद्र के सिंहासन पर कब्जा कर लिया था और सारे देवता गुफा में रहने के लिए मजबूर हो गए थे। राज करते समय शंखासुर को लगा कि उसे देवताओं का सब कुछ छीन लिया, लेकिन देवता अभी भी बलशाली हैं। शंखासुर को लगा कि देवताओं की सारी शक्ति उनके बीज मंत्र में है। इस लिए उसने बीज मंत्र को चुराने की ठान ली। ऐसे में देवता समस्या के समाधान के लिए भगवान ब्रह्मा से फरियाद करने लगे। ब्रह्मा ने देवताओं के साथ छह माह से सो रहे भगवान विषणु को उठाया और देवताओं की सहायता करने के लिए कहा। भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर समुंद्र में वेदों के बीज मंत्रों की रक्षा की। शंखासुर राक्षस का वध करके देवताओं को उनका राजपाठ वापस दिलवाया। इसी खुशी में शिव मंदिर बैजनाथ में अखरोट की बारिश की जाती है। यह बारिश का सिलसिला काफी सालों से चल रहा है पहले सिर्फ दो किलो अखरोट मंदिर में लोगों को वितरित किए जाते थे। लेकिन अब बैकुंठ चौदस पर मंदिर परिसर पूरी तरह से शिव भक्तों से भर जाता है। पुजारी अखरोटों की बारिश करते हैं और भक्त जान इसे शिव प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

    शिवरात्रि पर्व पर भी होता है मंदिर में विशेष आयोजन

    शिव मंदिर बैजनाथ में शिवरात्रि पर विशेष आयोजन होता है वहीं मकर संक्रांति के दिन यहां घृतमंडल सजता है। शिव भक्तों की इस मंदिर में अधिक आवाजाही रहती है। यह मंदिर धर्मशाला मुख्यालय से करीब पचास किलोमीटर मंडी- पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग में बैजनाथ में स्थित है।